ऊंची मेरिट वालों को दूर के जिले आवंटित, अभ्यर्थियों को जिला आवंटन करने में भी की गई मनमानी, अन्तर्जनपदीय ट्रांसफर में भी लगा था एनआईसी पर आरोप
ऊंची मेरिट वालों को दूर के जिले आवंटित, अभ्यर्थियों को जिला आवंटन करने में भी की गई मनमानी, अन्तर्जनपदीय ट्रांसफर में भी लगा था एनआईसी पर आरोप
इलाहाबाद : शिक्षक भर्ती में चयन से पहले सिर्फ पद ही नहीं घटाए गए बल्कि अभ्यर्थियों को जिला आवंटन करने में भी मनमानी की गई है। ऊंची मेरिट वालों को दूर के जिलों में जाना पड़ा है। इसमें कई महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं। अभ्यर्थियों की मानें तो सामान्य वर्ग के गिने-चुने अभ्यर्थियों को ही अपना जिला आवंटित हो सका है, अधिकांश को दूसरे जिलों में ही जाना पड़ा है।
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के अंतर जिला तबादले की सूची एनआइसी ने तैयार की थी। उसने बलिया आदि जिले में एक भी शिक्षक का स्थानांतरण नहीं किया, वहीं कई जिलों में तय पदों से अधिक का तबादला कर दिया। अब एनआइसी की ओर से हुए जिला आवंटन में भी ऐसी ही गड़बड़ी सामने आ रही है।
बीटीसी करने वाले ओबीसी वर्ग के दो अभ्यर्थियों से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जिस अभ्यर्थी का 62 गुणांक रहा है, उसे चित्रकूट जिला आवंटित हुआ है, वहीं 60 गुणांक वाले को गृह जिला रायबरेली मिल गया है। लिखित परीक्षा में 100 अंक पाने वाले शशांक शुक्ल जिनका गुणांक 71 से अधिक रहा है उन्हें चौथी वरीयता का जिला अमेठी मिला है। ऐसे ही दीपक तिवारी ने लिखित परीक्षा में 103 अंक हासिल किए और गुणांक 75 से अधिक है, उन्हें भी अमेठी भेजा गया है।
शिक्षामित्र और महिला अभ्यर्थियों को जरूर उनका मनपसंद जिला है, अन्य को दूसरे जिले में ही जाना पड़ रहा है। आखिर जिला आवंटन किन मानकों पर किया गया है। ज्ञात हो कि इस भर्ती में नियुक्ति पाने वालों को भविष्य में अंतर जिला तबादले का अधिकार नहीं मिलेगा।
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