2.20 लाख बीएड प्रशिक्षित प्राइमरी टीईटी अंकपत्र तो पाएंगे पर नौकरी नहीं, बीएड को सुप्रीम कोर्ट प्राइमरी शिक्षक भर्ती से कर चुका है बाहर
🔴 2021 की प्राइमरी यूपीटीईटी में सफल होने के बाद भी अवसर नहीं
🔴 2022 में बीएड प्रशिक्षितों की संख्या 6,91,903 थी
प्रयागराज : प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बीएड को बाहर करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)-2021 में प्राइमरी स्तर पर सफल 2,20,065 बीएड प्रशिक्षितों का अंकपत्र सिर्फ देखने-दिखाने के लिए होगा। इससे वह प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक की नौकरी नहीं पा सकेंगे। वर्ष 2021 की प्राइमरी यूपीटीईटी के अंकपत्र वितरण पर लगी रोक अब हाई कोर्ट से हट जाने पर अगले सप्ताह सभी अभ्यर्थियों को अंकपत्र वितरित किए जाएंगे।
प्राइमरी शिक्षक भर्ती में डीएलएड (बीटीसी) के साथ बीएड को भी सम्मिलित करने पर 2021 की यूपीटीईटी में बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने बड़ी संख्या में आवेदन किए। इसकी परीक्षा 23 जनवरी 2022 को प्रदेश के सभी जनपदों में कराई गई, जिसमें बीएड प्रशिक्षितों की संख्या 6,91,903 थी। उन्हें उम्मीद थी कि प्राइमरी स्तर पर सफल होने पर वह प्राइमरी शिक्षक भर्ती में भी सम्मिलित हो सकेंगे, लेकिन डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षितों से चल रही लड़ाई में वह सप्रीम कोर्ट में हार गए।
डीएलएड प्रशिक्षितों का कहना था कि प्राइमरी शिक्षक भर्ती के लिए बीएड डिग्री अर्ह नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे सही माना और 11 अगस्त 2023 के अपने फैसले में प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बीएड डिग्रीधारियों को बाहर कर दिया। इधर, यपीटीईटी- 2021 का परिणाम उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) की ओर से आठ अप्रैल 2022 को घोषित किया गया, लेकिन एक मामले में हाई कोर्ट ने प्राइमरी टीईटी का अंकपत्र वितरण रोक दिया था। अब यह रोक हट गई है।
पीएनपी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि यूपीटीईटी-2021 में प्राइमरी टीईटी में 4,43,558 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे, जिसमें बीएड डिग्री वालों की संख्या 2,20,065 है। रोक हट जाने पर इन्हें भी अंकपत्र तो वितरित किया जाएगा, लेकिन यह प्राइमरी शिक्षक भर्ती में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद UPTET प्रमाण पत्र वितरण का रास्ता साफ, प्राइमरी यूपीटीईटी पास छात्रों को अगले हफ्ते दिए जाएंगे सर्टिफिकेट, 2 साल से लगी थी रोक
UPTET : प्राइमरी यूपी टीईटी पास छात्रों को अगले हफ्ते दिए जाएंगे सर्टिफिकेट, 2 साल से लगी थी रोक, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र बंटने का रास्ता भी साफ हो गया है। अगले सप्ताह से सभी जिला डायट को प्रमाणपत्र भेजे जाएंगे।
एक से पांच तक की कक्षाओं में बीएड बनाम डीएलएड (बीटीसी) विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2021 में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र बंटने का रास्ता भी साफ हो गया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से अगले सप्ताह से सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को प्रमाणपत्र भेजे जाएंगे। 23 जनवरी 2022 को आयोजित यूपीटीईटी का परिणाम आठ अप्रैल 2022 को घोषित हुआ था।
कक्षा एक से पांच तक के लिए प्राथमिक स्तर की परीक्षा में सम्मिलित 11,47,090 अभ्यर्थियों में से 6,91,903 बीएड और 4,55,183 डीएलएड (बीटीसी) डिग्रीधारी थे। इनमें से 4,43,598 (38.67 या 39 प्रतिशत) अभ्यर्थी पास थे। हालांकि प्रमाणपत्र वितरित होने से पहले कुछ डीएलएड अभ्यर्थियों ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका कर दी थी। हाईकोर्ट ने 22 मई 2022 को प्राथमिक स्तर की टीईटी के प्रमाणपत्र वितरण पर रोक लगा दी थी।
उच्च प्राथमिक स्तर के प्रमाणपत्र पहले ही डायट को बांटने के लिए भेजे जा चुके हैं। प्राथमिक स्तर की टीईटी को लेकर तस्वीर साफ नहीं थी। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि 11 अगस्त 2023 से पहले नियुक्त बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति पर संकट नहीं है तो प्राथमिक स्तर के प्रमाणपत्र भी भेजने का फैसला किया गया है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी के अनुसार अगले सप्ताह से प्राथमिक स्तर की टीईटी के प्रमाणपत्र वितरण के लिए भेजे जाएंगे।
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