स्वेच्छा से अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण एवं समायोजन के फलस्वरूप अर्ह पाये गये शिक्षक एवं शिक्षिका को कार्यमुक्त एवं कार्यभार ग्रहण कराये जाने के सम्बन्ध में


पहले कर दिया तबादला, अब घर वापसी के आदेश, रिलीविंग-जॉइनिंग के दौरान जांच में पता चल रहा तबादला हो गया गलत

लखनऊ: लंबे इंतजार और कई दिन तक चली प्रक्रिया के बाद बमुश्किल तबादले हुए। वे भी गलत हो गए। अब उनको पुराने स्कूल में वापस भेजा जा रहा है। अंतःजनपदीय (जिले के अंदर) तबादलों में में हुई इस गलती से शिक्षक निराश हैं। जिलों में खंड शिक्षाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षक छात्र अनुपात बिगड़ने का तर्क देकर ट्रांसफर निरस्त करने और मूल विद्यालय में वापसी के आदेश कर रहे हैं। 

अंतःजनपदीय तबादलों के लिए 23 मई को प्रदेश सरकार ने नीति जारी की थी। उसके बाद जून में बेसिक शिक्षा परिषद ने टाइम टेबल जारी किया। आवेदन 28 जून तक लिए गए और 30 जून को तबादला आदेश कर दिए गए। इनको 7 जुलाई तक अपने मूल विद्यालय से रिलीव करके दूसरे विद्यालय में जॉइनिंग देने के आदेश दिए गए हैं। 

बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने सभी बीएसए को यह भी आदेश दिए हैं कि रिलीव करने और जॉइनिंग देने से पहले भली भांति यह जांच लें कि शिक्षक-छात्र अनुपात प्रभावित न हो। शिक्षकों के ब्योरे में में भी किसी तरह की कोई खामी न हो। जांच-पड़ताल में खामी पाए जाने पर बीएसए जिम्मेदार होंगे।

कई जिलो में तबादले निरस्त जब रिलीविंग और जॉइनिंग के दौरान जांच की जा रही है तो पता चल रहा है कि उनके तबादले से पुराने या नए विद्यालय में शिक्षक-छात्र अनुपात बिगड़ जा रहा है। बिना विषय को ध्यान में रखे तबादले होना भी वजह बताया जा रहा है। खुद कई खंड शिक्षाधिकारियों और बेसिक शिक्षाधिकारी अब तबादलों को निरस्त करने और मूल विद्यालय में भेजने के आदेश कर रहे हैं। 

गौरीगंज, अमेठी के खंड शिक्षाधिकारी ने अपात्र शिक्षकों की लिस्ट जारी की है। कहा गया है कि इनके तबादले से पुराना विद्यालय एकल शिक्षक हो जाएग। इससे RTE के मानक के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात बिगड़ जाएगा। इसी तरह भुता, बरेली के खंड शिक्षाधिकारी ने शिक्षक छात्र अनुपात बिगड़ने के कारण कई शिक्षकों के तबादले निरस्त करने और मूल विद्यालय में भेजने के आदेश जारी किए हैं। 

तारुन अयोध्या के खंड शिक्षा अधिकारी ने भी छह शिक्षकों की लिस्ट जारी कर तबादले निरस्त कर दिए है। एटा के अलीगंज, खीरी के बेहजम और बदायूं के सलारपुर ब्लॉक के खंड शिक्षाधिकारियों सहित कई जिलों में तबादले निरस्त करने के आदेश जारी किए है। इस बारे में प्राथमिक शिक्षक संघ प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमर सिंह कहते हैं कि यह तो शिक्षकों के साथ मजाक है। किसी और की गलती का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ेगा। इसमें जो भी दोषी हों, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।


खाली पद पर दूसरे शिक्षक का तबादला नही

अंतरजनपदीय तबादलों हो जाने के बाद यदि किसी शिक्षक ने नए स्कूल में जॉइनिंग नहीं ली और पद खाली रह जाता है तो उसकी जगह दूसरे का तबादला नहीं किया जाएगा। तबादलों के लिए फिलहाल कोई आवेदन भी नहीं लिए जाएंगे। कुछ  शिक्षकों की जिज्ञासा पर अधिकारियों का कहना है कि तबादलों के लिए एक निश्चित टाइम टेबल जारी किया गया था। उसी के अनुसार तबादले किए गए हैं। तबादलों की अंतिम तारीख 30 जून थी। उसके बाद न तो कोई तबादला आवेदन लिया जाएगा और न तबादला आदेश किया जा सकता है। इस बारे में परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी का कहना है कि अब भविष्य में जब कभी नई प्रक्रिया होगी तब ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।

कहां हुई गड़बड़ ?
 ट्रांसफर के लिए जब पोर्टल पर ब्योरा अपलोड किया गया, तभी गलत ब्योरा दर्ज हो गया। उस समय आरटीई मानको की ठीक से पड़ताल ठीक से नहीं की गई। आरटीई मानक के अनुसार शून्य से 60 छात्र तक दो शिक्षक होने चाहिए। कोई भी स्कूल एकल नहीं होना चाहिए था। वहीं, दूसरा मानक ये भी है कि 150 छात्रो पर हेड मास्टर होना जरूरी है। कई ऐसे स्कूल थे, जिनमें 60 से ज्यादा और 150 से कम छात्र थे। वहां एक हेड मास्टर और एक शिक्षक था। उसे 150 छात्र के मानक के आधार पर सरप्लस दिखा दिया। ऐसे में हेड ने जूनियर हाईस्कूल मे सहायक शिक्षक के लिए आवेदन कर दिया और तबादला हो गया। अब जांच की गई तो पता चल रहा है कि पहले वाला स्कूल एकल हो गया। इसी तरह जूनियर हाईस्कूल में गणित /विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और भाषा का एक शिक्षक होना जरूरी है। कुछ जगह जूनियर मे ऐसे शिक्षक का तबादला हो गया, जिस विषय का शिक्षक पहले से मौजूद है।

इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। किसी गड़बड़ी या लापरवाही का पता चलता है तो जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - सुरेंद्र तिवारी, सचिव-बेसिक शिक्षा परिषद




जिले के अंदर तबादला पाए बेसिक शिक्षकों को 12 जुलाई तक संभालना होगा कार्यभार, विभाग ने जारी किए ये निर्देश

बेसिक शिक्षा परिषद की व्यवस्था पर उठे सवाल, तबादले के बाद लगाई शर्तों से कार्यमुक्त नहीं हो पाएंगे काफी शिक्षक 

आठ साल के बाद प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों का जिलों के अंदर तबादला हुआ है। 30 जून की रात तबादलों की सूची आई थी। अब उन्हें हर हाल में 12 जुलाई तक ज्वाइन करना होगा।

प्राइमरी स्कूलों के टीचरों की ट्रांसफर प्रक्रिया। 
प्रदेश में आठ साल बाद परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का जिले के अंदर सामान्य तबादला किया गया। इसमें 20182 शिक्षकों को तबादला मिला है। इन शिक्षकों को 12 जुलाई तक संबंधित विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण करना है। हालांकि बेसिक शिक्षा परिषद ने कहा है कि संबंधित विद्यालय में मानक के अनुसार शिक्षक-छात्र अनुपात न प्रभावित हो, तभी शिक्षकों को कार्यमुक्त किया जाएगा।

बेसिक शिक्षा परिषद ने लंबी कवायद के बाद 30 जून को देर रात शिक्षकों की तबादला सूची जारी की। इसके बाद दो दिन से जिलों में परिषद की ओर से शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराने को लेकर निर्देश की प्रतीक्षा की जा रही थी। हाल में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से इसे लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि तबादला पाए शिक्षकों को मानव संपदा पोर्टल पर साथ-साथ कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण कराने की प्रक्रिया 12 जुलाई तक की जाएगी।

परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा है कि तबादला व समायोजन में आरटीई एक्ट के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात प्रभावित न हो, इसका ध्यान रखते हुए कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा। उन्होंने कहा है कि शिक्षकों के विषय, कैडर, पदनाम जांच कर व नियमित शिक्षक को ही कार्यमुक्त व कार्यभार दिया जाएगा।

शिक्षकों का ग्रामीण सेवा संवर्ग से ग्रामीण सेवा संवर्ग व नगर सेवा संवर्ग में नगर सेवा संवर्ग में ही शिक्षकों का तबादला किया जाएगा। सचिव परिषद ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि शिक्षकों को कार्यमुक्त व कार्यभार कराने की सभी कार्यवाही निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पारदर्शी तरीके से कराएं। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी मिलने पर वह पूरी तरह उत्तरदायी होंगे।

तो क्या बिना शिक्षक-छात्र अनुपात देखे हुए तबादले

परिषद की ओर से जिलों के अंदर सामान्य तबादला यह कहते हुए किया गया था कि इसे शिक्षक-छात्र अनुपात को देखते हुए किया जा रहा है। किंतु अब तबादला होने के बाद यह कहा जा रहा है कि शिक्षक-छात्र अनुपात प्रभावित न हो, ऐसी स्थिति में ही शिक्षक कार्यमुक्त किए जाएं। इससे परिषद की तबादला व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। कुछ जिलों में तबादला पाए शिक्षक इसकी वजह से कार्यमुक्त नहीं हो रहे हैं।



स्वेच्छा से अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण एवं समायोजन के फलस्वरूप अर्ह पाये गये शिक्षक एवं शिक्षिका को कार्यमुक्त एवं कार्यभार ग्रहण कराये जाने के सम्बन्ध में


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