आकांक्षात्मक विकासखण्डों में यूनीसेफ, उत्तर प्रदेश द्वारा सर्वेक्षण के आधार पर उपलब्ध करायी गयी फीडबैक रिपोर्ट के सम्बन्ध में।

सूबे के आकांक्षात्मक ब्लाकों के प्राइमरी स्कूलों की स्थिति खराब, यूनिसेफ द्वारा किये गए सर्वेक्षण में हुआ खुलासा

■ यूनिसेफ ने आकांक्षात्मक ब्लाकों के करीब 1368 स्कूलों का किया सर्वे 

■ 54 प्रतिशत स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात मानक के अनुसार नहीं


लखनऊ । प्रदेश के आकांक्षात्मक विकासखंडों में भी प्राइमरी स्कूलों की स्थिति अच्छी नहीं है। यूनिसेफ द्वारा इस बारे में किये गए सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। दरअसल, यूनिसेफ की ओर से प्रदेश के 108 आकांक्षात्मक विकासखंडों के 1,368 स्कूलों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 54 प्रतिशत स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात मानक के अनुसार कतई नहीं मिला।

मानक के अनुसार 30 छात्रों पर एक शिक्षक होने चाहिए परन्तु स्कूल में मानक से कम शिक्षक मिले। इसी प्रकार से 64 फीसदी स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग बनाए गए शौचालय बंद पाए गए और उनका उपयोग नहीं होता पाया गया। रिपोर्ट को बेसिक शिक्षा विभाग ने गम्भीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

इस संबंध में संयुक्त शिक्षा निदेशक (बेसिक) गणेश कुमार की ओर से इन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह प्रदर्शन में सुधार लाएं। अप्रैल व मई में यूनिसेफ की टीम ने इन आंकांक्षात्मक विकासखंडों के परिषदीय स्कूलों के साथ-साथ करीब दो हजार घरों का भी सर्वे कर स्थिति का आंकलन किया। 

इसी प्रकार से दिव्यांग छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षक सिर्फ दो प्रतिशत स्कूलों में ही पाए गए। फिलहाल सभी आकांक्षात्मक ब्लाक में मानकों के अनुसार जरूरी मूलभूत संसाधन और मानव संसाधन शत-प्रतिशत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।


लखनऊ। प्रदेश के आकांक्षात्मक विकास खंड के स्कूलों के पिछले दिनों कराए गए सर्वे में शिक्षक-छात्र अनुपात निर्धारित संख्या से कम मिला है। इतना ही नहीं कई विद्यालयों में बालिकाओं के शौचालय भी क्रियाशील नहीं मिले हैं। शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग से इस रिपोर्ट को साझा करते हुए इस पर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

नीति आयोग की योजना के तहत यूनिसेफ ने मई-जून में आकांक्षात्मक विकास खंडों के विद्यालयों में निर्धारित 50 बिंदुओं पर सर्वे किया गया था। इसके तहत 1368 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय का सर्वे व स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट दी गई। इसके अनुसार 47 आकांक्षात्मक विकास खंडों में 54 फीसदी से कम प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक छात्र अनुपात जो 30 पर एक होना चाहिए था, नहीं मिला। इसी तरह 36 फीसदी से कम प्राथमिक विद्यालयों बालिकाओं के शौचालय क्रियाशील पाए गए। वहीं दिव्यांग बच्चों के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की भी अपेक्षाकृत कमी मिली। 

बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार ने इससे संबंधित 42 जिलों के बीएसए को पत्र भेजकर इन क्षेत्र में अपेक्षित सुधार के निर्देश दिए हैं। साथ ही निर्धारित सभी बिंदुओं पर सुधार के आवश्यक कार्यवाही कर सूचित करने के निर्देश दिए हैं।


आकांक्षात्मक विकासखण्डों में यूनीसेफ, उत्तर प्रदेश द्वारा सर्वेक्षण के आधार पर उपलब्ध करायी गयी फीडबैक रिपोर्ट के सम्बन्ध में।

आकांक्षात्मक विकासखण्डों में यूनीसेफ, उत्तर प्रदेश द्वारा सर्वेक्षण के आधार पर उपलब्ध करायी गयी फीडबैक रिपोर्ट के सम्बन्ध में। Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:46 AM Rating: 5

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