शिक्षक व शिक्षामित्रों के भाग्य का होगा फैसला, सुप्रीम कोर्ट में सात अप्रैल से होगी एक साथ सुनवाई

⚫   एक लाख 37 हजार शिक्षामित्र व 72825 शिक्षक भर्ती के प्रकरण
⚫   नियुक्ति व समायोजन पर छाई धुंध छटने की उम्मीद


इलाहाबाद : शिक्षामित्रों व शिक्षकों की नियुक्ति की सुनवाई पर अब कोई असमंजस नहीं रह गया है। सुप्रीम कोर्ट में सात अप्रैल को यूपी के शिक्षकों के सभी मामलों की सुनवाई होगी। इनमें 1.37 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन व 72 हजार शिक्षक भर्ती आदि प्रकरण अहम हैं। करीब एक वर्ष से बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की सुनवाई लगातार टल रही है। उम्मीद है कि इस बार सुनवाई कुछ आगे बढ़ेगी और समायोजन व नियुक्तियों पर छाई धुंध शीर्ष कोर्ट से छंट जाएगी।




बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 1.37 लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है लेकिन, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितंबर 2015 को समायोजन रद कर दिया था। इस आदेश के बाद करीब 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन भी रोक दिया गया। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने सात दिसंबर 2015 को समायोजित शिक्षामित्रों को राहत देते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही 72825 शिक्षकों की भर्ती टेट मेरिट व बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती एकेडमिक मेरिट पर हुई। साथ ही 12091 की नियुक्ति, 1100 याची प्रकरण आदि मामले शीर्ष कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन हैं। इन मामलों की सुनवाई 22 फरवरी को नहीं हो सकी, क्योंकि तीन जजों की पीठ में से एक जज ने अपने को सुनवाई से अलग कर लिया था। यही नहीं कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख भी तय नहीं की थी। इससे ऊहापोह का माहौल बना रहा।




आखिरकार अब सुनवाई की तारीख सात अप्रैल तय हो गई है। इसकी सुनवाई तीन न्यायाधीशों की बेंच करेगी। टीईटी मोर्चा के साथ ही दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के पदाधिकारी अपने-अपने बिंदु पर पैरवी करेंगे।

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