एकेडमिक योग्यता की मेरिट के आधार पर भर्ती हुए करीब 99000 सहायक शिक्षकों को भी मिली राहत

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बचे पदों को राज्य सरकार अपने नियमों के मुताबिक नया विज्ञापन निकालकर भर सकती है। एकेडमिक योग्यता की मेरिट के आधार पर भर्ती हुए करीब 99000 सहायक शिक्षकों को भी इसी आधार पर राहत मिल गई है। कोर्ट ने उनकी नियुक्ति रद करने का हाई कोर्ट का एक दिसंबर 2016 का आदेश निरस्त कर दिया है और सरकार के एकेडमिक मेरिट के नियम को सही ठहराया है।




शिक्षा मित्रों का समायोजन रद
सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजन रद करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के 12 सितंबर 2015 के फैसले को सही ठहराया है। बेंच ने हाई कोर्ट से सहमति जताते हुए कहा कि कानून के मुताबिक नियुक्ति के लिए 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना से न्यूनतम योग्यता जरूरी है। न्यूनतम योग्यता के बगैर किसी नियुक्त की अनुमति नहीं दी जा सकती। ये सारी नियुक्तियां उपरोक्त तिथि के बाद हुई हैं। नियमों में छूट सीमित समय के लिए दी जा सकती है। शिक्षामित्र 23 अगस्त 2010 से पहले की श्रेणी में नहीं आते, जिनकी नियुक्ति नियमित की जा सके। कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति न सिर्फ संविदा पर थी बल्कि उनकी योग्यता भी पूरी नहीं थी। उनका वेतनमान भी शिक्षक का नहीं था। उन्हें शिक्षक के तौर पर नियमित नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्र निर्धारित योग्यता के मुताबिक कभी शिक्षक नहीं नियुक्त हुए।



सहायक शिक्षकों को राहत :
सुप्रीम कोर्ट ने 15वें और 16वें संशोधनों को सही ठहराकर एकेडमिक योग्यता के आधार पर भर्ती हुए सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत दे दी है। कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि सहायक शिक्षक भर्ती में एकेडमिक मेरिट ही आधार होगी। टीईटी सिर्फ क्वालीफाइंग योग्यता होगी। ये सारा मामला 12वें, 15वें और 16वें संशोधन को लेकर था।

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