बीटीसी-डीएलएड के रिजल्ट ने खोली पढ़ाई के स्तर की पोल, दस दिन के अंतराल पर घोषित दो परीक्षा परिणाम में बड़ी संख्या में प्रशिक्षु हुए अनुत्तीर्ण

बीटीसी-डीएलएड के रिजल्ट ने खोली पढ़ाई के स्तर  की पोल,  दस दिन के अंतराल पर घोषित दो परीक्षा परिणाम में बड़ी संख्या में प्रशिक्षु हुए अनुत्तीर्ण।

इलाहाबाद : प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट और निजी कालेजों में शिक्षक तैयार करने के प्रशिक्षण की पोल खुल गई है। दस दिन के अंतराल पर घोषित दो परीक्षा परिणाम में बड़ी संख्या में प्रशिक्षु अनुत्तीर्ण हुए हैं। प्रशिक्षण परीक्षा के जिन दो सेमेस्टर का रिजल्ट सामने आया है, उनकी उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन पहली बार डायट मुख्यालयों पर कराया गया था। कॉपियां यूपी बोर्ड की तर्ज पर एक से दूसरे जिलों में भेजी गई थी।


सूबे में प्राथमिक स्कूलों के लिए शिक्षक तैयार करने वाले प्रशिक्षण संस्थानों में पढ़ाई नहीं हो रही है, बल्कि वे सर्टिफिकेट बांटने के केंद्र बन गए हैं। तमाम संस्थानों में प्रशिक्षु नियमित जाते ही नहीं, उन्हें कागजों पर उपस्थित दिखाया जा रहा है। इसकी पूरी कहानी हाल में जारी दो परीक्षा परिणाम बता रहे हैं। बीटीसी 2015 तृतीय सेमेस्टर के रिजल्ट में 76700 प्रशिक्षु पंजीकृत रहे हैं, उनमें से 12770 अनुत्तीर्ण हो गए हैं। ऐसे ही दो दिन पहले डीएलएड प्रथम सेमेस्टर 2017 का रिजल्ट जारी हुआ इसमें एक लाख 91 हजार 111 प्रशिक्षु पंजीकृत थे, उनमें 47199 प्रशिक्षु अनुत्तीर्ण हुए हैं।


प्रशिक्षु भले ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सही से न होने का आरोप हैं लेकिन, अंक पत्र में साफ है कि कठिन विषयों में वे जैसे-तैसे उत्तीर्ण हो सके हैं, अधिकांश का परिणाम वाह्य मूल्यांकन में बहुत खराब है, आंतरिक मूल्यांकन ने उत्तीर्ण प्रतिशत दुरुस्त किया है। ज्ञात हो कि आंतरिक मूल्यांकन के अंक संबंधित संस्थान की ओर से दिए जाते हैं, जबकि वाह्य मूल्यांकन के अंक उत्तर पुस्तिका में प्रश्नों के जवाब पर मिलता है।

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