जेब से मंहगे प्रीमियम भरने के चलते कैशलेस चिकित्सा योजना को बेसिक शिक्षकों ने नकारा, 28 अप्रैल तक चार बार दिया गया था आवेदन का मौका

चार बार आवदेन तिथि बढ़ाने के बाद भी कैशलेस सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना को बेसिक शिक्षकों ने दिया नकार, जानिए क्यों?


जेब से मंहगे प्रीमियम भरने के चलते कैशलेस चिकित्सा योजना को बेसिक शिक्षकों ने नकारा, 28 अप्रैल तक चार बार दिया गया था आवेदन का मौका



■ कई ब्लॉकों में एक भी शिक्षक ने योजना के लिए नहीं किया आवेदन

■ अधिक प्रीमियम होने और खुद की जेब से प्रीमियम भरने के कारण शिक्षकों ने नहीं ली रुचि

■ राज्यकर्मियों के विपरीत बेसिक शिक्षकों को अपनी जेब से ही भरना था प्रीमियम



प्रयागराज । प्रदेश के  परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत  शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अंशकालिक अनुदेशकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने पहली बार शुरू की गई कैशलेस सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना को पूरी तरह से नकार दिया है। 


बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने नौ दिसंबर को इस योजना की घोषणा करते हुए 28 अप्रैल तक चार बार आवेदन का मौका दिया था। लेकिन प्रीमियम की राशि दूसरी कंपनी की पॉलिसी से बहुत अधिक होने के कारण प्रदेश के सभी जनपदों से  इक्का-दुक्का शिक्षकों ने ही इस योजना के लिए आवेदन किया है। यह स्थिति तब है जबकि बगैर किसी चिकित्सकीय जांच के योजना का लाभ दिया जा रहा है।


यही नहीं सेवारत कर्मचारी को अधिकतम 62 वर्ष और आश्रित माता-पिता को अधिकतम 85 वर्ष तक योजना से आच्छादित किया गया है। इसके लिए न्यू इंडिया, युनाइटेड इंडिया और द ओरियेन्टल इंश्योरेंस कंपनियों को अधिकृत किया गया है। 


मजे की बात तो यह है की प्रदेश के सैकड़ों ब्लॉकों से एक भी आवेदन नहीं मिले हैं। जिम्मेदारों का कहना है कि कैशलेस चिकित्सा योजना के लिए उम्मीद से कम आवेदन मिले हैं। अधिकांश बेसिक शिक्षकों का मानना है कि कैशलेस चिकित्सा योजना के नाम पर बेसिक शिक्षकों को धोखा दिया गया है। शिक्षकों को खुद की जेब से इतना ऊंचा प्रीमियम भरना असंभव ही है। ज्यादातर शिक्षक इसे भेदभाव पूर्ण मानते हैं, जहां उन्हें इसका प्रीमियम खुद की जेब से भरने को कहा जा रहा है, वहीं राज्यकर्मियों का प्रीमियम सरकार दे रही है।



10 लाख तक इलाज के लिए 76 हजार प्रीमियम

इस योजना के तहत तीन, पांच, सात और दस लाख तक कैशलेस चिकित्सा का लाभ पति-पत्नी, दो बच्चे और आश्रित माता-पिता को मिलना है। अलग-अलग राशि के लिए लाभार्थियों की संख्या के अनुसार प्रीमियम है। तीन लाख तक की सुविधा के लिए पति-पत्नी को सालाना 18500, पति-पत्नी और दो बच्चों के लिए 21000, जबकि पति पत्नी, दो बच्चे और आश्रित माता-पिता के लिए 45000 प्रीमियम देना होगा। 


दस लाख की कैशलेस चिकित्सा के लिए क्रमश: 34000, 39200 और 76000 प्रीमियम रखा गया है। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों जिन्हें क्रमश: दस व नौ हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है, उनके लिए तो योजना में पंजीकरण लगभग असंभव है।

जेब से मंहगे प्रीमियम भरने के चलते कैशलेस चिकित्सा योजना को बेसिक शिक्षकों ने नकारा, 28 अप्रैल तक चार बार दिया गया था आवेदन का मौका Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 11:03 PM Rating: 5

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