विद्यालयों के लक्ष्यों के अनुसार निपुण ग्रेडिंग की कवायद जोरों पर, प्रगति जांचने के आधार पर स्कूलों को हरा, पीला और लाल की श्रेणी में बांटा जाएगा
रंगों के आधार पर तय होगी परिषदीय स्कूलों की ग्रेडिंग
परिषदीय स्कूलों को निपुण बनाने के लिए स्कूलों की अब तीन रंगों के आधार पर ग्रेडिंग होगी। ग्रेडिंग के अनुसार ही स्कूलों को लाल, पीले व हरे रंग में बांटा जाएगा। साथ ही तय किया जाएगा कि संबंधित स्कूल के विद्यार्थी कितने निपुण हो चुके हैं।
प्राइमरी कक्षा के विद्यार्थियों को निपुण लक्ष्य के तहत पढ़ाया जा रहा है। दिसंबर 2023 तक इन बच्चों को हिंदी और गणित विषयों में निपुण बनाने की कवायद जारी है। वहीं दूसरी ओर परिषद ने परिषदीय स्कूलों की निपुण ग्रेडिंग भी शुरू कर दी है।
डीएलएड प्रशिक्षुओं को स्कूलों की निपुण लक्ष्य की प्रगति की जांच के लिए निर्देशित किया गया है। इसमें प्रगति के हिसाब से स्कूलों को तीन रंगों की श्रेणी में बांटा जाएगा। बच्चे के निपुण मानने के लिए मानक तय किए गए हैं। उसी के अनुसार तीन रंगों में स्कूलों की ग्रेडिंग होगी।
विद्यालयों के लक्ष्यों के अनुसार निपुण ग्रेडिंग की कवायद जोरों पर, प्रगति जांचने के आधार पर स्कूलों को हरा, पीला और लाल की श्रेणी में बांटा जाएगा
प्रदेश में हैं 1.10 लाख प्राथमिक/ कंपोजिट विद्यालय
दिसंबर तक 81 हजार विद्यालयों को पूरा करना है ये लक्ष्य
लखनऊ। दिसंबर 2023 तक निपुण लक्ष्य पाने के लिए प्राथमिक विद्यालयों में प्रक्रिया काफी तेजी से चल रही है। इसके तहत अब प्रदेश के विद्यालयों की निपुण ग्रेडिंग शुरू की गई है। इसमें कक्षा एक से तीन के विद्यार्थियों के साक्षर होने, अंक ज्ञान के आधार पर डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से उनकी प्रगति जांची जा रही है। इसके आधार पर स्कूलों को हरा, पीला और लाल की श्रेणी में बांटा गया है। बेसिक शिक्षा विभाग निपुण भारत मिशन के तहत विद्यालयों में संसाधनों की उपलब्धता व आवश्यकता का भी सर्वे करा रही है।
प्रदेश में 1.10 लाख प्राथमिक/ कंपोजिट विद्यालय हैं। विभाग की कवायद है कि दिसंबर 2023 तक इनमें से 81 हजार विद्यालयों को यह लक्ष्य पूरा करना है। जनवरी से मार्च तक कराए गए पर्यवेक्षण में 15 से 20% विद्यालयों को हरे, 50 से 60% को पीले और 20% को लाल श्रेणी में रखा गया है। यानि कि लगभग 20% विद्यालयों में 80% विद्यार्थी निपुण लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम हैं। 60% विद्यालयों में 60% से अधिक विद्यार्थी निपुण लक्ष्य में मध्यम स्तर पर हैं, जबकि 20% अभी इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि विद्यालयों का लक्ष्य आधारित मूल्यांकन किया जा रहा है। जिन विद्यालयों में अभी सुधार की गुंजाइश है, वहां भी बेहतर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
विद्यालयों के लक्ष्यों के अनुसार निपुण ग्रेडिंग की कवायद जोरों पर, प्रगति जांचने के आधार पर स्कूलों को हरा, पीला और लाल की श्रेणी में बांटा जाएगा
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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8:39 PM
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