विवाहिता बेटी भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार : इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद। सरकारी सेवकों के आश्रितों को मृतक आश्रित कोटे के तहत दी जाने वाली नौकरियों के लिए विवाहित बेटी भी हकदार है। हाईकोर्ट ने ऐसे एक मामले में विवाहित पुत्री के दावे पर विचार करने का जिला पंचायत वाराणसी को निर्देश दिया है। वाराणसी की जमुना देवी की मां जिला पंचायत गर्ल्स हायर सेकेंड्री स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थीं। सेवाकाल के दौरान चार फरवरी 2013 को उनकी मृत्यु हो गई।
जमुना देवी और उनका पति अपनी मां पर ही आश्रित थे। इसलिए उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति की मांग की। जिला पंचायत ने उनका प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया। तब जमुना ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया।
सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने जिला पंचायत वाराणसी को निर्देश दिया है कि वह जमुना देवी का आवेदन पर विचार कर निर्णय लें। याची की ओर से अधिवक्ता जागृति सिंह का कहना है कि अदालत का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि मृतक आश्रित नियमावली में अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा पुत्री को ही अनुकंपा नियुक्ति पाने का हकदार माना गया है। विवाहित पुत्री को उसमें शामिल न किया जाना उसके साथ भेदभाव पूर्ण है और विवाहित पुत्री के समानता के अधिकार का हनन होता है।
विवाहिता बेटी भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार : इलाहाबाद हाईकोर्ट
Reviewed by Brijesh Shrivastava
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न्यायपूर्ण निर्णय
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