शिक्षक भर्ती में स्थायी निवासी की अनिवार्यता को चुनौती
इलाहाबाद (ब्यूरो)। सहायक अध्यापकों की भर्ती में शामिल होने के लिए कम से कम पांच वर्ष से उत्तर प्रदेश में स्थायी रूप से निवास करने की अनिवार्यता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। अभ्यर्थी दिव्या त्रिवेदी ने याचिका दाखिल कर 11 जुलाई 2013 को जारी शासनादेश के प्रावधान 2(2) को चुनौती दी है। इसमें कहा गया है कि अभ्यर्थी का कम से कम पांच वर्ष से उत्तर प्रदेश में स्थायी रूप से निवास हो तथा उसका निवास प्रमाण पत्र भी इतनी ही अवधि से कम का नहीं होना चाहिए।
याची के अधिवक्ता ने इस संबंध में पूर्व में दिए गए कई न्यायिक निर्णयों का हवाला दिया गया। याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने प्रदेश सरकार और अन्य संबंधित पक्षकारों से इस मामले में चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। यह भी निर्देश दिया है कि 23 और 24 जुलाई को होने वाली काउंसलिंग में याची दिव्या त्रिवेदी को शामिल किया जाए। याची का कहना था कि वह मूल रूप से उत्तराखंड की निवासी है। 30 नवंबर 2010 को उसका विवाह रामपुर में हुआ। उसके पति रामपुर के स्थायी निवासी हैं इसलिए उसे नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति मिलनी चाहिए। अदालत ने याची को काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति देते हुए सरकार के अधिवक्ता को निर्देश दिया कि इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को तत्काल दी जाए।
खबर साभार : अमर उजाला
शिक्षक भर्ती में स्थायी निवासी की अनिवार्यता को चुनौती
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
10:21 AM
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