कक्षा 10 तक की छात्रवृत्ति योजना बंदी के कगार पर
- समाज कल्याण को 340 करोड़ की जरूरत, मिले सिर्फ 2 करोड़
- कक्षा 1-10 तक के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दिए जाने का है नियम
- पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को भी जरूरत की 1/3 राशि ही मिली
लखनऊ। प्रदेश में कक्षा 1-10 तक के तीन करोड़ विद्यार्थियों के लिए चलाई जा रही पूर्व दशम छात्रवृत्ति योजना आखिरी सांसें गिन रही है। इस मद में समाज कल्याण विभाग को 340 करोड़ रुपये की जरूरत है, मगर उसके लिए सिर्फ दो करोड़ रुपये का बजट ही दिया गया है। इसी तरह से पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को भी जरूरत का एक-तिहाई बजट ही एलाट किया गया है।
कक्षा एक से आठ तक के सभी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान है। कक्षा 9 और 10 के सामान्य वर्ग के उन्हीं छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जाती है, जिनके अभिभावकों की शहर में 25546 और देहात में 19884 रुपये सालाना आमदनी है। पिछड़े वर्ग के अभिभावकों के लिए यह सीमा 30 हजार रुपये, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के अभिभावकों के लिए दो लाख रुपये सालाना तय की गई है। कक्षा एक से दस तक इन तीनों वर्गों के छात्र-छात्राओं की तादाद करीब तीन करोड़ है। यहां बता दें कि सामान्य और अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों के लिए समाज कल्याण विभाग और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के माध्यम से छात्रवृत्ति बांटी जाती है।
सत्र 2014-15 में समाज कल्याण विभाग को पूर्व दशम छात्रवृत्ति योजना के लिए 340 करोड़ रुपये की जरूरत है, मगर विभागीय बजट में इस मद में महज दो करोड़ रुपये दिए गए हैं। वहीं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को 600 करोड़ रुपये चाहिए, मगर उसे भी 233 करोड़ रुपये ही दिए गए हैं।
"पूर्व दशम छात्रवृत्ति योजना को अभी बंद घोषित नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार ने इस मद में दो करोड़ रुपये दिए हैं। इस बारे में मंत्रीजी (समाज कल्याण मंत्री) से बात हुई है। पूरक बजट में धनराशि मिलने की उम्मीद है।"
- के. राममोहन राव, सचिव, समाज कल्याण
- के. राममोहन राव, सचिव, समाज कल्याण
खबर साभार : अमर उजाला
कक्षा 10 तक की छात्रवृत्ति योजना बंदी के कगार पर
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
4:22 PM
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