खंडपीठ में सुना जाएगा शिक्षामित्रों का मामला : 23 जुलाई को सुनवाई की संभावना
प्रदेश में लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद
पर समायोजित करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर अब दूसरी बेंच सुनवाई करेगी।
सोमवार को इस प्रकरण पर न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पीठ में सुनवाई होनी
थी। प्रकरण जब सुनवाई के लिए उनके समक्ष आया तो प्रदेश सरकार के अधिवक्ता
द्वारा कहा गया कि चूंकि इस याचिका में कानून की वैधानिकता को चुनौती दी गई
है इसलिए सुनवाई का क्षेत्राधिकार खंडपीठ को है। प्रदेश सरकार के अधिवक्ता
की आपत्ति के बाद जस्टिस पीकेएस बघेल ने याचिका पर सुनवाई के लिए दूसरी
पीठ नामित करने हेतु मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया। मामले में जल्दी
सुनवाई की मांग को देखते हुए अदालत ने कहा है कि यदि संभव हो तो याचिका पर
23 जुलाई को सुनवाई की जाए।
अब इस मामले
में बुधवार को सुनवाई होने की संभावना है। शिवम राजन और कई अन्य द्वारा
दाखिल याचिकाओं में 19 जून 2014 को जारी शासनादेश को चुनौती दी गई है। कहा
गया है कि एनसीटीई द्वारा तय अर्हता के अनुसार सहायक अध्यापक होने के लिए
टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने भी यही मत
दिया है। याचिकाओं में प्रदेश सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में किए गए संशोधन की वैधानिकता को भी चुनौती दी गई है।
खबर साभार : अमर उजाला
खंडपीठ में सुना जाएगा शिक्षामित्रों का मामला : 23 जुलाई को सुनवाई की संभावना
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:26 AM
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