यूपी : मिड डे मील स्कीम मे हर कदम पर बंदरबांट
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय की समीक्षा रिपोर्ट में हुआ खुलासा
नई
दिल्ली। उत्तर प्रदेश के स्कूलों में दोपहर के भोजन के कार्यक्रम ‘मिड-डे
मील’ में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को कई गड़बड़ियां मिली हैं।
मंत्रालय की 2013-14 की समीक्षा रिपोर्ट में यूपी में मिड-डे मील के
गड़बड़झाले का खुलासा किया गया है। मंत्रालय ने पिछले महीने हुई राज्यों के
शिक्षा सचिवों की बैठक में इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार से इस दिशा
में सुधार के कदम उठाने को कहा है। गांव में सरकार की ओर से अनाज पहुंचने
के बावजूद ग्राम प्रधान की ओर से अनाज की आपूर्ति नहीं की गई है। श्रावस्ती
और सीतापुर के कई ग्राम प्रधानों ने सरकार से मिले अनाज का रिकॉर्ड ही
नहीं रखा।
सरकार ने ज्यादा दिन खाना बांटने
के लिए मंजूर किए थे, जबकि बेहद कम दिन ही बच्चों को खाना दिया गया।
मिड-डे मील की निगरानी के लिए बने इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम के
आंकड़े और स्कूलों में निरीक्षण के दौरान मिले आंकड़ों में भी काफी अंतर
देखने को मिला। रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रावस्ती और सीतापुर जिले के कई
ब्लॉकों में मिड-डे मील में बंदरबांट पाई गई। मंत्रालय ने इन दो जिलों में
नमूने के तौर पर प्रदेश में मिड-डे मील की वास्तविक रिपोर्ट का पता लगाने
के लिए संयुक्त समीक्षा मिशन की टीम भेजी थी। टीम ने पाया कि राज्य सरकार
की ओर से बच्चों को खाने के लिए प्लेटें भी नहीं दी गई हैं। बच्चे अपने घर
से प्लेट लेकर आते हैं और कई बार टीम ने पाया कि बच्चों के पास ऐसी प्लेटें
थीं जोकि सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों पर खरी नहीं उतरती थीं।
राज्य सरकार की ओर से मिड-डे मिल स्कीम की निगरानी या निरीक्षण नहीं किया
जा रहा है। संयुक्त मिशन टीम ने पाया कि ग्राम प्रधान मिड-डे मील योजना के
तहत मिले अनाज को अपने घर पर रखता है, जबकि स्कूलों में इसे रखने के लिए
जगह है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मिड-डे मील की बंदरबांट ग्राम प्रधान के
स्तर पर पाया गया। 66 से ज्यादा स्कूलों का दौरा करने के बाद टीम ने पाया
कि स्कूलों में दाखिला लेने वाले कुल छात्रों में 44 फीसदी बच्चों को ही
दोपहर का खाना मिल पाता है। खाने में पोषक तत्वों में भी भारी कमी आई है।
साथ ही बच्चों के बीमार होने की रिपोर्ट मंत्रालय की टीम को मिली।
मिड-डे मील में निकला मेढक
बड़गांव
(सहारनपुर)। मिड-डे मील में मेढक निकलने से भोजन कर रहे तीन छात्रों की
तबीयत बिगड़ गई। छात्रों की हालत देखकर भोजन को चेक करने वाले दो शिक्षकों
को भी उल्टियां होनी शुरू हो गई। इसके बाद स्कूल के सभी छात्रों ने मिड-डे
मील को खाने से साफ इनकार कर दिया। प्रधानाचार्य ने बच्चों और शिक्षकों का
निजी चिकित्सकों से प्राथमिक उपचार कराया। सती स्मारक इंटर कॉलेज लुकादड़ी
में मंगलवार की सुबह करीब दस बजे नानौता से एनजीओ संस्था मानव सेवा समिति
के कर्मचारी मिड-डे मील में विद्याथियों के लिए दाल-चावल लेकर आए। कॉलेज
में भोजन देकर वे वापस लौट गए। दोपहर में जब कक्षा छठी और सातवीं के छात्र
भोजन कर रहे थे, कक्षा सात के छात्र राजन, आकाश और शिवप्रताप की थाली में
मृत मेंढक निकला। उन्होंने तत्काल अध्यापक को बुलाकर भोजन दिखाया। इसी
दौरान तीनों छात्रों को उल्टियां होने लगी। दाल में मेंढक निकलने की बात
सुनकर कुछ अन्य छात्रों को भी उल्टियां होने लगी।
खबर साभार : अमर उजाला कॉम्पैक्ट
यूपी : मिड डे मील स्कीम मे हर कदम पर बंदरबांट
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
4:30 AM
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