15 हजार शिक्षकों की भर्ती में बीटीसी 2012 को मौका देने पर फूंका शासनादेश, राज्यपाल एवं राष्ट्रपति तक विरोध करने का निर्णय
इलाहाबाद : प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती में बीटीसी 2012 के युवाओं को मौका देने से साथी युवा ही खासे नाराज हैं। गुस्से का इजहार करते हुए हाल ही में जारी शासनादेश की प्रतियां फूंकी गई एवं जगह-जगह इसका विरोध करने का निर्णय लिया गया। इस प्रकरण से राज्यपाल एवं राष्ट्रपति तक ले जाने की रणनीति भी बनी है।
बीटीसी एवं विशिष्ट बीटीसी 2004, 2007, 2008, 2011 के लिए बेसिक शिक्षा परिषद से अनुरोध करके 15 हजार शिक्षकों की भर्ती शासन से स्वीकृत कराई गई थी। इसका शासनादेश नौ दिसंबर 2014 को जारी हुआ उसके बाद से केवल न्यायालय के निर्देश पर भर्ती के लिए आवेदन की वेबसाइट खुली। इसमें बीएलएड, डीएड एवं विशिष्ट बीटीसी शामिल है। उसी दौरान बीटीसी 2012 का परीक्षा परिणाम आ गया जिससे बीटीसी 2012 के उत्तीर्ण युवाओं ने भी दावेदारी कर दी।
विशिष्ट बीटीसी के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि बीटीसी 2012 के युवाओं ने आवेदन भले किया, लेकिन वह वैध नहीं है, क्योंकि नियमों के मुताबिक फार्म भरने वाले वह प्रशिक्षु ही अर्ह होंगे जो प्रशिक्षण अंतिम वर्ष में हो, जबकि इन 2012 के अभ्यर्थी प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर में थे। सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार नियमों के विपरीत जाकर प्रशिक्षुओं को ही आपस में लड़ा रही है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस संबंध में स्पष्ट आदेश दिया है, फिर भी सरकार ने बीटीसी 2012 के लिए शासनादेश जारी कर दिया। इसके विरोध में युवाओं ने इलाहाबाद के चंद्रशेखर आजाद पार्क में शासनादेश की प्रतियां फूंका और जगह-जगह विरोध करने का निर्णय लिया।
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