सुप्रीम कोर्ट में होगी याचिकाओं की भरमार, टेट पास बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षामित्रों से अधिक योग्य को बताते हुए होगी वरीयता देने की मांग
इलाहाबाद : प्रदेश में सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए टीईटी और बीएड धारक अभ्यर्थी लामबंद होने लगे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए एक साथ याचिकाएं दाखिल करने का फैसला किया है। अदालत में वह बताएंगे कि उनकी योग्यता शिक्षा मित्रों से अधिक है इसलिए भर्ती में उन्हें वरीयता दी जाए।
टीईटी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रदेश के तमाम जिलों से बड़ी संख्या में आए अभ्यर्थियों ने रविवार को चंद्रशेखर आजाद पार्क में सभा करके यह तय किया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर सरकार और अदालत का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। कहा गया कि शिक्षा मित्रों की संख्या एक लाख 72 हजार है जबकि टीईटी और बीएड डिग्री धारकों की संख्या दो लाख 92 हजार है। सरकार योग्य अभ्यर्थियों की उपेक्षा कर रही है।
एटा से आए मयंक तिवारी ने कहा कि हम एनसीटीई के सभी मानक पूरे करते हैं और प्रदेश को योग्य अध्यापकों की जरूरत भी है। ऐसे में बीएड और टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से भर्ती पूरी की जानी चाहिए। सभा का संचालन कर रहे संजीव कुमार मिश्र ने कहा कि प्रदेश के नौनिहालों के भविष्य के लिए भी यह जरूरी है। मोर्चा ने इस संबंध में अगला कदम निर्धारित करने के लिए 24 दिसंबर को इलाहाबाद में फिर सभा बुलाई है। सभा को सच्चिदानंद चतुर्वेदी, धर्मराज मौर्य, वीरेंद्र द्विवेदी, राहुल सिंह, राजेश कुमार सोनी, अभिषेक यादव अमितेष वर्मा, सचिन विश्वकर्मा आदि ने संबोधित किया।
परिषद के सचिव को देंगे ज्ञापन :
इलाहाबाद टीईटी संघर्ष मोर्चा के सुबोध कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राहत पाने वाले 11 याचियों और प्रत्यावेदन देने वाले 12091 अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति के लिए एक प्रतिनिधिमंडल बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा से मिलकर उन्हें ज्ञापन देगा। इसी संदर्भ में दस दिन बाद रिमाइंडर भी दिया जाएगा।
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