बेसिक शिक्षा विभाग का तुगलकी फरमान, छात्राएं नहीं खेल सकतीं हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, महिला संगठनों में रोष, करेंगी विरोध
लखनऊ। राजधानी की बेटियां हॉकी, क्रिकेट और फुटबॉल नहीं खेल सकतीं। उन पर यह रोक लगाई है बेसिक शिक्षा विभाग ने। विभाग ने खेल प्रतियोगिताओं के लिए जो कार्यक्रम जारी किया है उससे साफ है कि हॉकी, क्रिकेट और फुटबॉल प्रतियोगिताएं सिर्फ छात्रों के लिए होगी, छात्राएं इन खेलों में हिस्सा नहीं ले सकेंगी। इस आदेश से महिला संगठनों में काफी रोष है। उन्होंने इस आदेश का विरोध करने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि पांच जनवरी तक बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में संकुल स्तरीय और 15 जनवरी तक ब्लॉक स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं होनी हैं। इन खेलों में 100, 200, 400 और 600 मीटर की दौड़ के साथ ही रिले दौड़, बाधा दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद, गोला फेंक, चक्का फेंक, खो-खो, कबड्डी, जिमनास्टिक, वॉलीबाल, फुटबाल, बैडमिंटन, योग, तैराकी, टेबल टेनिस, क्रिकेट और हॉकी के खेल होंगे।
📌 महिला संगठनों में रोष, करेंगी विरोध, 5 से 15 जनवरी तक होनी है ब्लॉक स्तरीय खेल प्रतियोगिताए।
📌 परिषदीय स्कूलों में 60% से ज्यादा बेटियां
जिन बेटियों के दम पर बेसिक शिक्षा विभाग की साख बची हुई है, उन्हीं से सौतेला व्यवहार हो रहा है। शिक्षा के गिरते स्तर के चलते परिषदीय स्कूलों से अभिभावकों का मोह भंग हुआ है। हालांकि, स्कोर संस्था की रिपोर्ट कहती है कि परिषदीय स्कूलों में 60% से ज्यादा बालिकाएं हैं। यानी इन स्कूलों की साख इन्हीं के दम से बची है।
📌 निदेशालय के निर्देश पर अमल
निदेशालय की ओर से हॉकी-क्रिकेट-फुटबाल का आयोजन केवल बालकों के लिए करने के लिए कहा गया है। उसी आदेश के तहत कार्यक्रम जारी किए गए हैं। इसमें लैंगिक भेदभाव जैसी कोई बात नहीं है। -प्रवीण मणि त्रिपाठी बीएसए, लखनऊ
📌 कोई आदेश नहीं दिया
एक महीने में इस तरह का कोई आदेश कार्यालय से जारी नहीं हुआ है। अगर इस संबंध में कोई पुराना आदेश हो तो मेरी जानकारी में नहीं है। इस मामले पर कुछ कह नहीं सकता। -डीबी शर्मा, निदेशक, बेसिक शिक्षा
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