ऑनलाइन हाजिरी पर संगठित विरोध की आहट, एक दर्जन से ज्यादा जिलों से विरोध के पत्र जारी, शैक्षिक गुणवत्ता का ठीकरा केवल शिक्षकों के ऊपर फोड़ने से पनपी नाराजगी
राज्य मुख्यालय। ऑनलाइन हाजिरी पर भले ही विभाग ने अभी तक आदेश जारी न किया हो लेकिन विरोध जारी हो गया है। सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी लगाने को तुगलकी फरमान बताया है। चित्रकूट, गोरखपुर समेत एक दर्जन जिलों में शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख कर इस व्यवस्था के बहिष्कार की घोषणा कर दी है।
बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने पिछले दिनों विभागीय बैठक में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी लिए जाने के निर्देश दिए थे। इसी बैठक में तय हुआ कि एक जनवरी से यह व्यवस्था लागू की जाएगी। बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर जब-तब सवाल उठते रहते हैं और इसका मुख्य कारण शिक्षकों का स्कूल तक न पहुंचना माना जा रहा है। लिहाजा विभाग ने पहले कदम के रूप में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का फैसला किया है।
शिक्षकों को यह व्यवस्था रास नहीं आ रही है। इसके पीछे वेतर्क दे रहे हैं कि विभाग ने शिक्षकों को मोबाइल हैंडसेट नहीं दिए हैं। वहीं गांवों में नेटवर्क की भी समस्या है। शैक्षिक गुणवत्ता खराब होने का ठीकरा भी सिर्फ शिक्षकों के ऊपर फोड़ने को लेकर भी वे नाराज भी हैं। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने बाकायदा एक पत्र का मजमून सभी जिलाध्यक्षों को भेज कर इसके खिलाफ अभियान चलाने को कहा है। इस पत्र में न सिर्फ व्यवस्था के विरोध की चेतावनी है बल्कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो में लगाने के खिलाफ शिकायत भी है।
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