दलित शिक्षकों की रिवर्सन सूची पर भड़के आरक्षण से प्रोन्नति पाये शिक्षक, आगामी 22 दिसंबर को शिक्षा निदेशालय पर धरना देकर सौंपेंगे ज्ञापन
📌 शिक्षकों का दावा, पूरे प्रदेश से 50 हजार शिक्षकों के रिवर्सन की सूची इसी माह होगी जार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के 50 हजार दलित शिक्षकों को गलत तरीके से रिवर्ट किए जाने के लिए की सूचना पर आरक्षण समर्थकों में काफी रोष फैल गया। शिक्षकों को रिवर्ट करने के लिए पूरे प्रदेश में तैयार की गई रिवर्सन सूची इसी महीने जारी किए जाने की भनक लगते ही रविवार को भारी संख्या में शिक्षक आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के कार्यालय पहुंच गए और आंदोलन का ऐलान किया। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने आगामी 22 दिसंबर को प्रदेश के सभी जिलों के शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल के साथ बेसिक शिक्षा निदेशालय निशातगंज में विशाल प्रदर्शन व ज्ञापन सौप कर अपना आक्रोश प्रकट करने की बात कही है।
दलित शिक्षकों के गलत रिवर्सन के मुददे पर आरक्षण सर्मथकों ने कहा कि पूरे प्रदेश के लाखों दलित शिक्षकों में शिक्षा विभाग की आरक्षरण विरोधी नीति से आक्रोश व्याप्त हो गया है, जिससे किसी भी क्षण पूरे प्रदेश के दलित शिक्षक सड़कों पर उतर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में बैकलाग पदोन्नति के तहत ज्यादातर प्राइमरी के अध्यापक पदोन्नति पाकर सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक या प्राइमरी में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत है, ऐसे में उन्हें गलत रिवर्सन की सूची से बाहर कर उनके साथ न्याय किया जाए।
नेताओं ने बताया कि शिक्षा निदेशक को संघर्ष समिति की ओर से अनेक बैकलाग पदोन्नति संबंधी वैधानिक शासनादेश उपलब्ध कराने के बाद भी जिलों में दलित अध्यापकों का उत्पीड़न करने के लिए बैकलाग पदोन्नति को नजरंदाज कर उनकी गलत रिवर्सन की सूची तैयार कराई जा रही है और जिसे इसी माह के अन्त तक जारी करने की तैयारी है। जिसको प्रदेश का दलित शिक्षक किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजको ने कहा कि आगामी मंगलवार 22 दिसंबर को शिक्षा निदेशालय निशातगंज में प्रदेश भर से सैकड़ों शिक्षक जमा होंगे। उसके बाद भी निदेशालय ने कोई प्रभावी कदम न उठाए तो उसी दिन बड़े आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। प्रदेश के लाखों शिक्षकों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वह आंदोलन के लिये तैयार रहे, किसी भी समय व्यापक आंदोलन करना पड़ सकता है। संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलित कार्मिकों का लगातार उत्पीड़न कराया जा रहा है। अब पानी सर के ऊपर आ गया है ऐसे में करो या मरो की तर्ज पर आरक्षण समर्थकों को अपना स्वाभिमान बचाने के लिए व्यापक आंदोलन करना होगा।
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