शिक्षामित्रों को अभी वेतन के लिए करना होगा इंतजार, जिलों में हो रहा शासन के निर्देशों का इन्तजार
इलाहाबाद: भले ही सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का सहायक शिक्षक पद पर समायोजन निरस्त करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी हो लेकिन शिक्षामित्रों को अभी वेतन के लिए इंतजार करना होगा। शासन से आदेश नहीं जारी होने से वेतन भुगतान प्रक्रिया अधर में है। जबकि वेतन की मांग को लेकर शिक्षामित्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
दरअसल परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शासन स्तर से पंद्रह वर्ष से पढ़ा रहे शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के तहत प्रशिक्षित कर शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित कर दिया गया था। अगस्त 2014 में पहले बैच में 1405 व मई व जून 2015 में 780 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई थी। उन्हें सहायक शिक्षक का वेतन देने की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को सुनवाई के दौरान शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध करार देते हुए निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के क्रम में बेसिक लेखा विभाग ने समायोजित शिक्षकों को वेतन देने से हाथ खड़े कर दिए थे।
इधर, सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद वेतन का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। मंगलवार को समायोजित शिक्षक बीएसए व लेखा कार्यालय में वेतन की पूछताछ करते दिखे। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी के मुताबिक जब शिक्षामित्रों को पद पर बने रहने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया हैं, ऐसे में वेतन देने की कार्रवाई विभाग क्यों नहीं कर रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार ने बताया कि समायोजित शिक्षामित्रों को वेतन देने के संबंध में शासन स्तर से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही आदेश प्राप्त होगा कार्रवाई शुरू करा दी जाएगी।
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