15 हजार भर्ती : आवेदक बढ़ते गए सीटें ज्यों की त्यों, नव सृजित पदों को इस भर्ती में शामिल करने की मांग होगी तेज, 22 फरवरी से धरने की है तैयारी
इलाहाबाद : प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती सवा साल से चल रही है, लेकिन वह पूरी होने का नाम ले रही है। इसमें लगातार आवेदकों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन सीटें अब भी ज्यों की त्यों हैं। तीसरे चरण तक ही करीब 45 हजार युवा दावेदारी कर चुके थे, चौथे चरण में यह संख्या और बढ़ी है। कोर्ट के आदेश पर यह भर्ती फिर लटकने पर अब दावेदार सीटें बढ़ाने की लड़ाई लड़ने जा रहे हैं। इसके लिए 22 फरवरी से आंदोलन की रूपरेखा बन रही है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त 13741 अभ्यर्थियों के सापेक्ष नौ दिसंबर 2014 को जारी हुई थी। इस भर्ती की गति बेहद धीमी रही, लिहाजा हाईकोर्ट ने एक के बाद एक चार बार अलग-अलग योग्यता वाले युवाओं को आवेदन करने का मौका दिया। इसकी एक बार काउंसिलिंग भी हुई, लेकिन नियुक्ति पत्र जारी होने के पहले ही फिर कोर्ट के आदेश पर भर्ती प्रक्रिया ठप हो गई है। काउंसिलिंग के पहले दावेदारों ने सीटें बढ़ाने का मुद्दा उठाया था, लेकिन बाद में वह ठंडा हो गया। अब यह प्रकरण नए सिरे से सतह पर होगा।
असल में विभाग ने युवाओं से आवेदन लेने में कोई कोताही नहीं बरती, लेकिन सीटों पर विचार नहीं किया। ऐसी हालत में बड़ी संख्या में दावेदार बेरोजगार रह जाएंगे। बीटीसी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ उप्र के प्रदेश संयोजक रवीश का कहना है कि सर्व शिक्षा अभियान के सप्लीमेंट्री प्लान के तहत प्राथमिक विद्यालयों में 19948 पद सृजित किए गए हैं। उसमें से 3500 पद उर्दू बीटीसी शिक्षकों के लिए सुरक्षित कर दिए गए उसके बाद 16448 पद अब भी शेष हैं। युवाओं की मांग है कि 15 हजार भर्ती में यह पद जोड़े जाएं, ताकि अधिक से अधिक युवा शिक्षक बन सकें। इस मुद्दे को लेकर 22 फरवरी को शिक्षा निदेशालय में परिषद के सचिव कार्यालय के सामने प्रदर्शन होगा।
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