निजी स्कूलों में गरीबों के दाखिले का मानक बदला : शहरी क्षेत्र में भी आस-पड़ोस के लिए एक किमी का दायरा, सरकारी विद्यालयों में प्रवेश के लिए अब मानक संख्या 30 छात्र
लखनऊ : शिक्षा के अधिकार कानून के तहत गरीब बच्चों को पड़ोस के
स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए अब शहरी क्षेत्र में आस-पड़ोस की सीमा एक
किलोमीटर के दायरे में परिभाषित होगी। अभी तक शहरी इलाके में आसपड़ोस का
दायरा संबंधित वार्ड की सीमा तक सीमित रहता था जबकि ग्रामीण क्षेत्र में
आसपड़ोस की परिभाषा में एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूल माने जाते
थे। सरकार ने अब शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में आसपड़ोस का मतलब एक
किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्र को मान लिया है।
आरटीई के तहत
गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने की व्यवस्था और प्रक्रिया
में राज्य सरकार ने कुछ बदलाव कर दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे
में शासनादेश जारी कर दिया गया है। अभी तक यह व्यवस्था थी कि यदि आसपड़ोस
के राजकीय/परिषदीय या सहायतित स्कूल की पहली कक्षा में 40 बच्चों ने दाखिला
ले लिया है और बाद में कोई गरीब बच्चा प्रवेश के लिए आया तो यह मानते हुए
कि क्लास की सभी सीटें भर गई हैं, उसे निजी स्कूल में भर्ती कराया जाता था।
सरकार ने इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए आरटीई मानक के अनुसार प्रति
शिक्षक 30 छात्र के आधार पर ही क्लासरूम की क्षमता तय करने का फैसला किया
है। अब यदि किसी परिषदीय स्कूल की पहली कक्षा में 30 बच्चों के प्रवेश के
बाद कोई गरीब बच्चा दाखिले के लिए आता है तो यह मानते हुए कि क्लास में सीट
खाली नहीं है, उसे पड़ोस के किसी निजी स्कूल में दाखिला दिलाया जाएगा। यदि
पड़ोस में दो निजी स्कूल हैं तो गरीब बच्चों को उनमें से किसी विद्यालय
विशेष में प्रवेश लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
- 28 तक करना होगा आवेदन
राजकीय/परिषदीय या सहायतित स्कूलों में दाखिला पाने से वंचित गरीब
बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चे का दाखिला निजी विद्यालय में कराने के
लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय में 28 फरवरी तक प्रार्थना
पत्र देना होगा। प्राप्त प्रार्थना पत्रों को संकलित कर बीएसए आवेदनों में
दर्ज प्राथमिकताओं का यथासंभव ख्याल रखते हुए उन्हें सात मार्च तक
जिलाधिकारी की मंजूरी के लिए पेश करेंगे। जिलाधिकारी अधिकतम पांच दिन में
प्रकरण पर अंतिम निर्णय लेंगे। बीएसए को इस निर्णय के बारे में बच्चे के
अभिभावक और संबंधित स्कूल को भी बताना होगा और 21 मार्च तक सभी कार्यवाही
पूरी करानी होगी ताकि एक अप्रैल को नया सत्र शुरू होने से पहले स्कूल में
बच्चे का प्रवेश हो जाए।
निजी स्कूलों में गरीबों के दाखिले का मानक बदला : शहरी क्षेत्र में भी आस-पड़ोस के लिए एक किमी का दायरा, सरकारी विद्यालयों में प्रवेश के लिए अब मानक संख्या 30 छात्र
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
5:27 AM
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