यूपी से ऐसे कैसे बनेंगे आइंस्टीन और न्यूटन? विज्ञान को बढ़ावा देने वाली इन्स्पायर आवार्ड योजना में नहीं है अधिकारियों को दिलचस्पी





राज्य मुख्यालय। बुनियादी शिक्षा में जब गणित और विज्ञान पर सबसे ज्यादा जोर देने की कवायदें जारी हैं तो अधिकारी उस पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे हैं। विज्ञान को बढ़ावा देने वाली इन्सपायर अवार्ड प्रदर्शनी के लिए यूपी से बहुत कम नामांकन हुआ है। इस अवार्ड में विज्ञान के प्रयोग करने के लिए प्रति विद्यार्थी 5 हजार रुपए दिए जाते हैं।

ये हालत तब है जब इस अवार्ड का पूरा पैसा केन्द्र सरकार का विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग सीधे विद्यार्थी के खाते में भेजता है। इसके लिए यूपी को सिर्फ विद्यार्थियों का नामांकन पूरे ब्योरे के साथ करना होता है। इस अवार्ड के लिए जितने विद्यार्थियों के नाम प्रदेश भेजता है, उन सबके खाते में 5 हजार रुपए सीधे आ जाते हैं। विद्यार्थियों को इस पैसे से विज्ञान पर आधारित मॉडल बनाना होता है। हर स्कूल से कक्षा 6 से 10 तक के एक-एक विद्यार्थियों का नामांकन होता है। आंकड़े गवाह हैं कि जब अधिकारी सक्रिय होते हैं तो ज्यादा विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलता है।बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा ने कहा है कि जूनियर स्कूलो ंसे नामांकन बहुत कम हुआ है। ये स्थिति खेदजनक है। उन्होंने कहा है कि एक हफ्ते में सभी बीएसए खण्ड शिक्षा अधिकारियों की कार्यशाला कर इस अवार्ड के लिए स्कूलों से कक्षा 6, 7 व 8 के एक-एक विद्यार्थी का पूरा ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड करें। नामांकन 25 फरवरी तक कर दें।
खबर साभार : हिन्दुस्तान

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यूपी से ऐसे कैसे बनेंगे आइंस्टीन और न्यूटन? विज्ञान को बढ़ावा देने वाली इन्स्पायर आवार्ड योजना में नहीं है अधिकारियों को दिलचस्पी Reviewed by Brijesh Shrivastava on 8:00 AM Rating: 5

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