शिक्षामित्र मामला : हाईकोर्ट के आदेश पर रोक बरकरार, सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले की सुनवाई की गई अलग
नई
दिल्ली। उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों की सहायक शिक्षकों के तौर पर
नियुक्ति को निरस्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट
ने अंतरिम रोक 11 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है।
न्यायमूर्ति
दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की पीठ ने बुधवार को हाईकोर्ट
के फैसले पर रोक बरकार रखी है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस
मामले में हर पहलू पर विचार करना जरूरी है।
इलाहाबाद
हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजन को खारिज कर
दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना टीईटी के सहायक शिक्षक के तौर पर
नियुक्ति नहीं हो सकती। इस फैसले को कई शिक्षामित्रों और उत्तर प्रदेश
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस संबंध में राज्य सरकार का
कहना है कि कुल एक लाख 72 हजार नियुक्तियां रद्द की गई हैं। इससे बड़े
पैमाने पर लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार का कहना था कि यह मामला जनहित
से जुड़ा हुआ है। एनसीटीई के 2011 के गाइडलाइंस के मुताबिक शिक्षामित्रों
को प्रशिक्षण देकर सहायक शिक्षक बनाया जा सकता है। वैसे भी राज्य में
शिक्षकों की भारी कमी है।
- सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले की सुनवाई अलग की गई :
सुप्रीम
कोर्ट ने बुधवार को 72 हजार सहायक टीचरों की भर्ती मामले से संबंधित
सुनवाई को शिक्षामित्रों की याचिका से अलग कर दिया। सुनवाई के दौरान उत्तर
प्रदेश सरकार ने पीठ को बताया गया कि 1100 आवेदकों में से 825 की नियुक्ति
कर दी गई है। बुधवार को कुछ अन्य लोगों की ओर से याचिका दाखिल की गई। पीठ
ने राज्य सरकार को इस पर विचार करने के लिए कहा है। राज्य सरकार को चार
हफ्ते के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया है। इस
मामले पर अगली सुनवाई नौ मई को होगी।
हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक 11 जुलाई तक बढ़ी
- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद शिक्षामित्रों ने महसूस की राहत
लखनऊ
(ब्यूरो)। शिक्षामित्रों के सभी संगठनों ने सहायक अध्यापक पद पर समायोजन
मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने पर राहत महसूस की है। अगली
सुनवाई चार महीने बाद होगी। उनका कहना है कि इस दौरान वे बाकी बचे
शिक्षामित्रों को भी सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने के लिए संघर्ष
करेंगे। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष इमाम आला गाजी ने कहा
कि 72 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों से अपने मामले को अलग करवाकर शिक्षामित्रों
ने बड़ी सफलता हासिल की है। अभी तक शिक्षामित्रों का केस प्रशिक्षु
शिक्षकों के साथ जोड़कर ही सुना जा रहा था। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के
प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव और आदर्श शिक्षा वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश
अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक हाईकोर्ट
के समायोजन रद्द करने के आदेश पर स्टे रहेगा। इसलिए अब बचे हुए
शिक्षामित्रों को भी सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करने के लिए शासन से
बात की जाएगी।
शिक्षामित्र मामला : हाईकोर्ट के आदेश पर रोक बरकरार, सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले की सुनवाई की गई अलग
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:22 AM
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