अनुचर भी बने शिक्षक व लिपिक : मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी योग्यता के आधार पर शिक्षक या फिर लिपिक के पदों पर पदोन्नति के लिए हुए मुखर
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों के पाल्यों को शिक्षक बनाने की तैयारी चल रही है। मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी ऐसा ही लाभ पाने के लिए मुखर हो रहे हैं। उनका कहना है कि विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के पद पर योग्य कर्मचारी तैनात हैं उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर शिक्षक या फिर लिपिक के पद पर नियुक्ति दी जाए।
बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने कुछ माह पहले कहा था कि ‘शिक्षक का बेटा स्कूल में पानी पिलाए, यह ठीक नहीं। सरकार उसे भी शिक्षक बनाएगी।’ इसी के बाद से शिक्षकों के मृतक आश्रितों को सेवारत प्रशिक्षण दिलाने की तैयारी चल रही है।
इस प्रकरण को आधार बनाकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक मृतक आश्रित शिक्षणोत्तर कर्मचारी संघ भी साथियों को शिक्षक व लिपिक बनाने की मांग कर रहा है। संघ का कहना है कि प्रदेश के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी स्नातक या फिर परास्नातक हो उन्हें पहले सेवारत प्रशिक्षण दिलाकर एवं अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बैठने का अवसर देकर सहायक अध्यापक के पद पर पदोन्नति की जाए। ऐसे ही जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हाईस्कूल एवं इंटर पास है, उन्हें ब्लाक, न्याय पंचायत एवं पूर्व माध्यमिक स्कूलों में ही कार्यालय लिपिक के पद पर पदोन्नति दी जाए। संघ की बैठक में राज्यमंत्री केसी पांडेय के समक्ष उठीं। यहां योगेंद्र मिश्र आदि थे।
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