तारीख टलने से प्रशिक्षु शिक्षक बनने को फिर ढाई माह का इंतजार, आंदोलन-प्रदर्शन और अनशन रहे बेनतीजा, अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की ही हैं उम्मीदें
इलाहाबाद : छह माह से परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक बनने का इंतजार कर रहे युवाओं को ढाई महीने तक अभी और राह देखनी होगी। नियुक्ति पाने के लिए यह युवा अफसरों की ड्योढ़ी पर तमाम बार दस्तक दे चुके हैं। एकजुट होकर आंदोलन-प्रदर्शन और अनशन तक किया है लेकिन सब बेनतीजा रहा है। अब सभी ने सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीदें संजो रखी हैं।
शीर्ष कोर्ट में नौ मई को होने वाली सुनवाई टल गई है, वह अब 27 जुलाई को होगी। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती से जुड़े कई प्रकरणों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। वह चाहे शिक्षामित्रों का मामला या फिर 12091 और याचियों को तदर्थ आधार पर पर नियुक्ति देने का प्रकरण। इसके अलावा बीएड व बीटीसी से जुड़े कई अन्य मामलों की सुनवाई हो रही है। शीर्ष कोर्ट में यह सभी मामले बीते 26 अप्रैल को एक साथ सुने गए। उसमें न्यायालय ने शिक्षामित्र एवं अन्य मामलों को फिर अलग-अलग कर दिया। यानी शिक्षा मित्रों का प्रकरण 11 जुलाई तथा 12091 याचियों आदि के मामले की सुनवाई नौ मई को होना तय हुआ। सोमवार को होने वाली सुनवाई के लिए दोनों पक्ष पूरी तैयारी से दिल्ली भी पहुंचे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट नौ मई वाले प्रकरण की सुनवाई अब 27 जुलाई को करेगा।
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