जाति या निवास प्रमाण पत्र के लिए नहीं भटकना पड़ेगा दर-दर, अब छात्रों के इन प्रमाण पत्रों को बनवाने की जिम्मेदारी पांचवीं और आठवीं तक के स्कूलों को
नई दिल्ली : आने वाले दिनों में छात्रों और अभिभावकों को जाति या निवास प्रमाण पत्र के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा। अब छात्रों के इन प्रमाण पत्रों को बनवाने की जिम्मेदारी उनके स्कूल की होगी। यह काम छात्र के पांचवीं या आठवीं कक्षा में रहते हुए कराया जा सकेगा। इस संबंध में कार्मिक मंत्रलय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश जारी किया है।
जाति एवं निवास प्रमाण पत्र देना राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों की जिम्मेदारी है। प्रमाण पत्र न होने के कारण अक्सर अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति मिलने में देरी के मामले सामने आते हैं। इसके अलावा प्रमाण पत्र पाने में सरकारी अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न की शिकायतें भी सरकार के सामने आई हैं। इन स्थितियों से निपटने के लिए कार्मिक मंत्रलय ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
जाति या निवास प्रमाण पत्र के लिए नहीं भटकना पड़ेगा दर-दर, अब छात्रों के इन प्रमाण पत्रों को बनवाने की जिम्मेदारी पांचवीं और आठवीं तक के स्कूलों को
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
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5:59 AM
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