भर्ती में अब परीक्षा नियामक पर निगाहें, बीटीसी 2013 का रिजल्ट जारी कर अंकपत्र देने का होगा दबाव, टीईटी 2015 का प्रमाणपत्र ऑनलाइन व ऑफलाइन के बीच में अब भी हुआ है उलझा
इलाहाबाद : प्राथमिक स्कूलों में फिर शिक्षकों की भर्ती होने जा रही है। भले ही यह भर्तियां बेसिक शिक्षा परिषद सचिव के निर्देश पर जिला मुख्यालयों पर होंगी, लेकिन असल दबाव इन दिनों परीक्षा नियामक प्राधिकारी दफ्तर पर होगा। इसकी वजह यह है कि भर्ती में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों को जिन अभिलेखों की दरकार है वह सब फिलहाल परीक्षा नियामक के पास हैं। अगले हफ्ते से अभ्यर्थियों का जमावड़ा लगने जा रहा है।
टीईटी 2015 परीक्षा लंबे इंतजार के बाद दो फरवरी को हुई थी और मार्च में परिणाम भी आ गया। इस परीक्षा को सिर्फ 17 फीसद युवा ही उत्तीर्ण कर पाए हैं। मार्च से लेकर अब तक टीईटी उत्तीर्ण करने वाले युवाओं को प्रमाणपत्र देने की तैयारियां चल रही हैं। दरअसल बेसिक शिक्षा के पूर्व सचिव आशीष गोयल ने इस बार से युवाओं को ऑनलाइन ई-सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश दिया था और परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एवं एनआइसी मिलकर परीक्षा परिणाम को वेबसाइट पर अपलोड करने की तैयारी में थे। उस समय कहा जा रहा था कि ई-सर्टिफिकेट मई के अंत तक आ जाएगा। उसी बीच पूर्व सचिव के हटने के बाद से शासन में अफसर यह प्रमाणपत्र ऑफलाइन भी भेजे जाने पर चर्चा कर रहे हैं। उनका कहना है कि टीईटी में बैठने एवं उत्तीर्ण होने वाले अधिकांश युवा ग्रामीण परिवेश से आते हैं ऐसे में उन पर ई-सर्टिफिकेट डाउनलोड करने का जिम्मा न दिया जाए, बल्कि यह सुविधा वेबसाइट पर उपलब्ध जरूर रहे, जो चाहे अभ्यर्थी इसे निकाल सकते हैं या फिर वह चाहे तो जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से हार्डकॉपी भी ले सकते हैं। इस मामले में अभी मंथन चल रहा है फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।
अब परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 16448 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा के बाद प्रमाणपत्र जल्द देने का दबाव पड़ना तय है। कहा जा रहा है कि प्रमाणपत्र छपने, डायट भेजने एवं उसके वितरित होने में समय लगेगा, लेकिन फिलहाल शासन ने कोई नया आदेश नहीं दिया है। ऐसे में ई-सर्टिफिकेट देने के ही अधिक आसार हैं हालांकि उसे भी जारी करने में कुछ वक्त लगेगा। वहीं दूसरी ओर परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने बीटीसी 2013 का परीक्षा परिणाम जुलाई के प्रथम सप्ताह में देने को कहा है। इसके बाद जल्द ही अंकपत्र बांटने की भी मांग जोर पकड़ेगी।
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