सरकारी स्कूलों के बच्चे जानेंगे अपने अधिकार , तीन साल का ब्यौरा भी दीवार पर होगा दर्ज, राज्य परियोजना निदेशक ने जारी किए निर्देश
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों से लेकर कस्तूबर गांधी
बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाले पौने दो करोड़ बच्चों को अब अपने अधिकारों
के बारे में किसी से पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब वे अपने अधिकार आसानी
से जान सकेंगे। इसके लिए स्कूल की बाहरी दीवारों पर बाल अधिकार लिखे
जाएंगे। बच्चों के साथ-साथ आम जन भी इसकी जानकारी ले सकेंगे। इस संबंध में
सर्व शिक्षा अभियान की राज्य परियोजना निदेशक जीएस प्रियदर्शी ने बेसिक
शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं। दीवार लेखन के लिए प्रति
विद्यालय 500 रुपए की धनराशि भी स्वीकत की गई है।
ये हैं बाल अधिकार
छह से 14
वर्ष के सभी बच्चों को पड़ोस के स्कूल में आरटीई के तहत फ्री शिक्षा।कक्षा 1
से 8 तक कैपिटेशन फीस व अन्य सभी शुल्क प्रतिबंधित।6 से 14 वर्ष के
विद्यालय न गए बच्चों को आयु के अनुसार कक्षा में दाखिला व विशेष प्रशिक्षण
का अधिकार।प्रवेश के लिए जन्म, आयु प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं। -शारीरिक
दंड एवं मानसिक प्रताड़ना पर रोक।एक स्कूल से दूसरे स्कूल में कभी भी
स्थानांतरण का अधिकार, स्थानांतरण प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं।बच्चे को
कक्षा में रोके जाने, विद्यालय से निकाले जाने पर रोक, बोर्ड परीक्षा
नहीं।विद्यालय में स्वच्छ पेय जल की व्यवस्था। बालक-बालिका के लिए अलग
शौचालय।विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षा, सहायक सामग्री
एवं उपकरण की फ्री सुविधा।विद्यालय विकास अनुदान के रूप में प्राथमिक
विद्यालय के लिए 5 हजार, उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए 7 हजार
वार्षिक।विद्यालय में जाति, वर्ग, धर्म अथवा लिंग आधारित दुर्व्यवहार,
भेदभाव रहित वातावरण।बच्चों के विद्यालय आने के लिए सामाजिक एवं सांस्कृतिक
कारण बाधा नहीं।
निशुल्क किताबें, यूनीफार्म।
पक्का सुरक्षित विद्यालय भवन, प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा शिक्षण,
विद्यालय के रखरखाव के लिए मेंटीनेंस ग्रांट, विद्यालय संचालन के लिए
ग्रांट, पिछड़े विकास खंडों में कस्तूरबा विद्यालय में कक्षा 6 से 8 तक
छात्राओं के लिए फ्री शिक्षा व आवासीय सुविधा। दृष्टि एवं श्रवण आश्रम
बच्चों के लिए 10 माह के आवासीस शिविर का संचालन।
परिषदीय विद्यालयों में उपलब्ध संसाधन और सुविधाओं आदि की जानकारी अब
विद्यालयों की दीवारों पर अंकित होगी। जनवाचन के तहत विद्यालय में भौतिक
साधन जैसे कक्षा कक्षा, शौचालय, बच्चों के लिए फर्नीचर, किचेन शेड, बिजली,
रैम्प, पुस्तकालय, छात्र नामांकन से लेकर कितने शिक्षक हैं, कितने बच्चों
को किताबें, यूनीफार्म, छात्रवृत्ति दी गई, इन सबका वर्ष 2014-15 से
2016-17 तक का ब्यौरा दर्ज होगा।विद्यालय में किसी भी तरह की समस्या होने
या अन्य दिक्कतों के लिए सभी जरूरी नंबर भी दर्ज किए जाएंगे। इनमें
विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष, प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक, खंड
शिक्षा अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी का नाम व नंबर अकित किया जाएगा।
जरूरत पड़ने पर लोग इस पर संपर्क कर सकते हैं।
सरकारी स्कूलों के बच्चे जानेंगे अपने अधिकार , तीन साल का ब्यौरा भी दीवार पर होगा दर्ज, राज्य परियोजना निदेशक ने जारी किए निर्देश
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:36 AM
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