गांव से निकले और शहर में हुए तैनात, प्राथमिक शिक्षकों के अंतरजिला ट्रांसफर में हेराफेरी, बीईओ को नोटिस जारी कर माँगा गया स्पष्टीकरण
गांव से निकले और शहर में हुए तैनात, प्राथमिक शिक्षकों के अंतरजिला ट्रांसफर में हेराफेरी, बीईओ को नोटिस जारी कर माँगा गया स्पष्टीकरण।
इलाहाबाद : शिक्षकों के अंतर जिला तबादले में बड़े पैमाने पर हेराफेरी हुई है। कई जिलों में ऐसे शिक्षक बहुतायत में है जिन्होंने तथ्य छिपाकर नगर क्षेत्र में तबादला करा लिया है, जबकि वे मूलरूप से ग्रामीण क्षेत्र में नियुक्त हैं। यही नहीं, जिस शिक्षक की नियुक्ति के तीन वर्ष भी पूरे नहीं हुए हैं, उसका तबादला सीतापुर से आगरा हो गया है। शिक्षा अधिकारियों ने काउंसिलिंग के नाम पर सिर्फ खानापूरी की, इसलिए गड़बड़ी पकड़ में नहीं आई। अब खंड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
परिषदीय शिक्षकों का तीन वर्ष के बाद अंतर जिला तबादला हुआ है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए। तीन वर्ष से कम सेवा वाले शिक्षकों को आवेदन करने से रोका गया, फिर भी तमाम नियम-कानूनों को धता बताकर शिक्षक मनचाहा आदेश करवाने में सफल रहे हैं। तबादला आदेश के अनुपालन में जब शिक्षकों को कार्यमुक्त करने की बारी आई तब रह-रहकर प्रकरण सामने आते गए। बांदा में अतर्रा की एक शिक्षिका ने तथ्य छिपाकर कानपुर नगर अपना तबादला करा लिया था। औरैया जिले में बारह शिक्षकों ने अपना तबादला दूसरे जिले के नगर क्षेत्र में करा लिया है, जबकि वे ग्रामीण क्षेत्र में ही तैनात हैं। उन्नाव में अब तक सात ऐसे शिक्षक सामने आए हैं जिन्होंने अपने स्कूल को नगर क्षेत्र का बताकर कानपुर नगर एवं लखनऊ जिले में तबादला करा लिया है।
असल में बार-बार के निर्देशों के बाद भी बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने काउंसिलिंग में सिर्फ खानापूरी की। इसीलिए ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों को नगर क्षेत्र का बताकर सत्यापन भी परिषद मुख्यालय भेज दिया गया। अब बीएसए पल्ला झाड़ रहे हैं और खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को नोटिस भेज रहे हैं। औरैया के बीएसए एसपी यादव ने बीईओ को निर्देश जारी किया है कि 12 शिक्षकों को रिलीव न किया जाए। वहीं उन्नाव के बीएसए दीवान सिंह यादव ने हसनगंज, पुरवा, हिलौली, बांगरमऊ, फतेहपुर चौरासी के बीईओ को नोटिस देकर शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
सीतापुर के सिधौली विकासखंड में तैनात शिक्षक मुकेश चंद्र शर्मा (आवेदन संख्या 2473783) की नियुक्ति 25 जुलाई 2013 को हुई है। तीन वर्ष से कम अवधि होने के बाद भी अभिलेखों में हेराफेरी करके वह अपना तबादला आगरा कराने में सफल रहे हैं। यही नहीं सीतापुर में तमाम शिक्षकों ने आवेदन में गड़बड़ी सुधारने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। उसके बाद भी गड़बड़ी तो नहीं दूर की गई, लेकिन उन्हें अभी कार्यमुक्त नहीं किया गया है। उधर, परिषदीय सचिव संजय सिन्हा का कहना है कि परिषद ने तबादला आदेश जारी करने के बाद सभी बीएसए को पत्र भेजकर सतर्क रहने को कहा था इसीलिए यह प्रकरण सामने आए हैं।
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