बीटीसी के लिए अवसर हुए सीमित, बढ़ रहे प्राइवेट कॉलेजों और कम हो रहे नौकरी के अवसरों के बीच बेरोजगारों का बीटीसी से मोह भंग
किसी समय सरकारी टीचरी की गारंटी बीटीसी का क्रेज घट गया है। प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे प्राइवेट बीटीसी कॉलेजों और कम हो रहे नौकरी के अवसरों के बीच बेरोजगारों का इस कोर्स से मोह भंग हो रहा है।पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पता चलेगा कि दो साल में इस कोर्स में प्रवेश चाहने वाले बेरोजगारों की संख्या आधी रह गई है। यह स्थिति तब है जबकि सीटों की संख्या में हर साल तेजी से इजाफा हो रहा है। बीटीसी 2013 बैच की 43,800 सीटों पर दाखिले के लिए रिकार्ड 6,68,696 युवाओं ने ऑनलाइन आवेदन किया था। लेकिन पिछले चार साल में प्राइमरी स्कूलों में दो लाख से अधिक सहायक अध्यापकों की भर्ती के बाद टीचरी के लिए अवसर सीमित हो गए हैं। इसलिए बेरोजगार अब बीटीसी से मुंह मोड़ रहे हैं।
2015 बैच में डायट की 10,500 और 1425 प्राइवेट कॉलेजों की 71,250 कुल 81,750 सीटों के लिए महज 3,85,433 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन फार्म भरा है। यानि दो साल में सीटों की संख्या तो बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई लेकिन आवेदकों की संख्या तकरीबन आधी रह गई है।
रजिस्ट्रार परीक्षा नियामक प्राधिकारी नवल किशोर का कहना है कि बीटीसी 2015 बैच के लिए चार लाख से भी कम आवेदन मिले है। यह संख्या पिछले दो साल से कम है। ऐसा लग रहा है कि लोगों में बीटीसी के प्रति आकर्षण कम हो रहा है।
कक्षा 1 से 8 तक टीचरी के अवसर नहीं
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में नौकरी के अवसर नहीं बचे हैं। पिछले चार साल में 1.37 लाख शिक्षामित्र को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया है। 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में भी 60 हजार से अधिक भर्ती हो चुकी है। इसके अलावा जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान व गणित विषय के 29,334, प्राइमरी में 10 हजार, 15 हजार, 10,800 सहायक अध्यापकों की भर्ती के अलावा उर्दू विषय के 4280 व 3500 शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है जबकि 16,448 शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। अब परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के खाली पद नहीं बचे हैं।
बीटीसी के विभिन्न बैच में सीट व आवेदकों की संख्या
सत्र सीट आवेदक
2013 45,350 6,68,696
2014 54,500 4,99,227
2015 81,750 3,85,433
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