समायोजित शिक्षामित्रों के जिले में तबादले का रास्ता साफ, स्थानांतरण निरस्त करने के आदेश पर रोक, राज्य सरकार से मांगा जवाब
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित शिक्षामित्रों के स्थानांतरण को वैध ठहराते हुए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश पर रोक लगा दी है। इससे जिले के भीतर समायोजित शिक्षामित्रों के तबादले का रास्ता फिलहाल साफ हो गया है। कोर्ट ने इस प्रकरण में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने शिवपूजन सिंह की याचिका पर दिया है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने यह कहते हुए समायोजित शिक्षामित्रों का स्थानांतरण रोक दिया था कि इनका ्रकरण न्यायालय में लंबित है। इस आदेश के अनुपालन में बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने पूर्व में समायोजित शिक्षकों के तबादले भी निरस्त करने शुरू कर दिए थे। इस पर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने आपत्ति दर्ज कराई थी। कोई कदम न उठाए जाने पर उन्होंने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी। उनका पक्ष था कि जब उन्हें शिक्षा नियमावली में निहित सभी प्रावधान का लाभ मिल रहा है तो जिले के भीतर स्थानांतरण के लाभ से कैसे वंचित किया जा सकता है। कोर्ट ने याचियों का पक्ष सुनने के बाद इस स्थानांतरण निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष वसीम अहमद के कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे बड़ी संख्या में समायोजित शिक्षा मित्रों को राहत मिलेगी।
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