शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता अनिवार्य बनाने को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी, शिक्षकों को प्रशिक्षण हासिल करने की अवधि बढ़ाकर 31 मार्च 2019 की गयी
नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता अनिवार्य बनाने को अपनी मंजूरी दे दी। इसके तहत अब प्राथमिक पाठशालाओं (आठवीं तक के स्कूल) में नौकरी कर रहे शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता हासिल करना अनिवार्य होगा। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। शिक्षकों को प्रशिक्षण हासिल करने की अवधि बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दी गई है। यानी उन्हें अब दो साल और मिल गए हैं।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। 1मालूम हो, आरटीई कानून के तहत सभी सेवारत शिक्षकों को साल 2015 तक ही यह प्रशिक्षण दिलाया जाना था, लेकिन सरकार इसे अमल में नहीं ला सकी। राज्य सरकारों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर के 66.41 लाख शिक्षकों में अब तक 11 लाख प्रशिक्षण पूरा नहीं कर पाए हैं। इनमें से 5.12 लाख जहां सरकारी क्षेत्र में हैं, वहीं 5.98 लाख निजी क्षेत्र में हैं। अब 31 मार्च, 2019 तक इन्हें यह प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। वर्ष 2010 में जब आरटीई कानून लागू हुआ था, उसी समय कानून की धारा 23 (2) के तहत यह तय किया गया था।
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