कक्षा 2 तक दो और 5 तक तीन किताबें रखने की एनसीईआरटी की सिफारिश,  बस्ते का बोझ घटाने को शुरू की पायलट परियोजना

नई दिल्ली : सरकार ने कहा कि वह स्कूल के बस्ते का भार कम करने के पक्ष में है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पायलट परियोजना शुरू की गई है। इसके तहत केंद्रीय विद्यालयों में टैबलेट के माध्यम से छात्रों को डिजिटल अध्ययन की सुविधा मुहैया कराई गई है। तेलंगाना सरकार ने पहली से लेकर दसवीं कक्षा तक के छात्रों के बस्ते का बोझ तय कर दिया है। बस्ते के बोझ से बच्चों के शारीरिक विकास पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।





मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने कक्षा एक और दो के छात्रों के लिए केवल दो किताबों (भाषा और गणित) की सिफारिश की है। अपनी सिफारिश में उसने कक्षा तीन से पांच के लिए तीन किताबें रखी है। एनसीईआरटी की सभी पुस्तकों तक वेब और मोबाइल डिवाइस के माध्यम से मुफ्त पहुंचा जा सकता है।



सरकार कौशल विकास योजना में पीपीपी मॉडल खत्म करेगी : खराब अनुपालन के कारण सरकार अपनी प्रमुख कौशल विकास योजना पीएमकेवीवाई के तहत फ्रेंचाइजी यानी पीपीपी मॉडल को आखिरकार खत्म करेगी। साथ ही सभी फ्रेंचाइजी (सहभागी) को प्रशिक्षण प्रदाता बनने का एक अवसर देगी। केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने गुरुवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई-2016-20) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सिर्फ पहले स्तर की फ्रेंचाइजी की ही अनुमति है और फ्रेंचाइजी केंद्रों को निचली वरीयता दी जाएगी।

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