मिड-डे-मील बनाने वाले रसोइयों को देंगे ट्रेनिंग, 'पोषणा’ नामक लघु फिल्म के जरिए साफ-सफाई के प्रति संवेदनशील बनाने का होगा प्रयास
इलाहाबाद : सरकारी और सहायता प्राप्त कक्षा आठ तक के स्कूलों में मिड-डे-मील पकाने वाले रसोइयों को ‘पोषणा’ नामक लघु फिल्म के जरिए ट्रेनिंग दी जाएगी। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण उत्तर प्रदेश ने युनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेन्स फंड (यूनिसेफ) के सहयोग से 20 मिनट की लघु फिल्म बनाई है जिसके माध्यम से रसोइयों को साफ-सफाई के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा।
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इसके लिए 22 व 23 जून को मिड-डे-मील समन्वयकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब विकास खंडवार और न्याय पंचायतवार प्रशिक्षण माड्यूल तैयार कर 15 सितंबर तक सभी रसोइयों को प्रशिक्षण दिया जाना है ताकि बच्चों को पका-पकाया स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराया जा सके।वर्तमान में मिड-डे-मील योजना से प्रदेश के 1,14,806 प्राथमिक एवं 53070 उच्च प्राथमिक विद्यालय आच्छादित हैं। इन विद्यालयों में प्राथमिक स्तर पर अध्ययनरत 1,27,79,753 विद्यार्थी एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर 5480184 विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।
दरअसल सरकारी स्कूलों में खाना बनाने वाले बड़ी संख्या में ऐसे रसोईये हैं जो समाज के निचले तबके से आते हैं। उनके लिए व्यक्तिगत स्वच्छता से लेकर भोजन बनाने में आवश्यक साफ-सफाई के प्रति उतनी अधिक जागरूकता नहीं रहती। इसलिए उन्हें साफ-सफाई के प्रति संवेदनशील बनाने की कवायद की जा रही है।
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