दो चयन सूची से खिले सभी के चेहरे, वर्गवार पद खाली रह जाने से दूसरी सूची के अधिकांश अभ्यर्थियों को मिला आसानी से अपना गृह जिला
दो चयन सूची से खिले सभी के चेहरे, वर्गवार पद खाली रह जाने से दूसरी सूची के अधिकांश अभ्यर्थियों को मिला आसानी से अपना गृह जिला
इलाहाबाद: कई ऐसे मौके आते हैं, जब गलतियों की परिणति सुखद रहती है। में भी ऐसा ही हुआ। बेसिक शिक्षा महकमे ने भर्ती की पहली चयन सूची में नियमानुसार आरक्षण लागू करके ओबीसी, एससी व एसटी के मेधावियों (यानी अधिक अंक पाने वालों को) को सामान्य वर्ग की सीटों पर चयनित किया। इसीलिए लिखित परीक्षा में तय पदों से अधिक चयनित ओबीसी वर्ग के अधिकांश अभ्यर्थियों को जिला आवंटित हुए।
वहीं, एससी व एसटी का सफलता ग्राफ कम था इसलिए वे भी आसानी से चयनित हो गए। भर्ती के पद घटाने से सामान्य वर्ग व कुछ ओबीसी अभ्यर्थी पहले बाहर हो गए थे। इन्हें नियुक्ति दिलाने को दूसरी सूची बनाई गई इसमें 68500 पद होते ही हर जिले में हर वर्ग के बड़ी संख्या में पद खाली थे, तभी दूसरी सूची के अधिकांश अभ्यर्थियों को अपना गृह जिला आसानी से मिल गया। इसका लाभ ओबीसी को भी हुआ। एससी व एसटी के अभ्यर्थी बचे ही नहीं थे, वरना वे भी लाभ पाते।
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