बेसिक शिक्षा : विद्यालय समय व शिक्षक दायित्वों के निर्वहन में परिवर्तन हेतु नया शासनादेश जारी, देखें बदलाव के मुख्य बिंदु।

बेसिक शिक्षा : विद्यालय समय व शिक्षक दायित्वों के निर्वहन में परिवर्तन हेतु नया शासनादेश जारी, देखें बदलाव के मुख्य बिंदु। 


यूपी के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां हुई कम, जानें अब कब खुला करेंगे स्कूल


उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां 15 दिन कम कर दी गईं हैं। अब स्कूल छुट्टियों के बाद बजाए पहली जुलाई के 16 जून से ही खुल जाएंगे। वहीं 31 दिसमबर से 14 जनवरी तक जाड़े की छुट्टियां रहेंगी। अभी तक जाड़े में छुट्टियां नहीं दी जा रही थीं। स्कूलों में पढ़ाई का समय एक घण्टा बढ़ाया गया है और इण्टरवल का समय भी तय कर दिया गया है।


इस बारे में अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने सभी जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, जिला शिक्षा परियोजना समिति व सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार पहली अप्रैल से तीस सितम्बर के दरम्यान सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक स्कूल चलेंगे। सुबह 8 बजे प्रार्थना सभा होगी और फिर योगाभ्यास  करवाया जाएगा।


पहली अक्टूबर से 31 मार्च के बीच सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक स्कूल चलेंगे। प्रार्थना सभा सुबह 9 बजे होगी और फिर योगाभ्यास होगा।  यह भी निर्देश दिये गये हैं कि शिक्षक शिक्षण अवधि से 15 मिनट पहले और शिक्षण अवधि के बाद कम से कम आधे घण्टे तक विद्यालय में मौजूद रहेंगे। निर्धारित समय सारिणी के अनुसार हर पीरियड 40 मिनट का होगा। निर्देश दिये गये हैं कि शिक्षण सत्र में न्यूनतम 240 शिक्षण दिवस का संचालन सुनिश्चत किया जाए। हर दो सप्ताह में बच्चों का यूनिट असेस्मेंट टेस्ट के जरिये मूल्यांकन किया जाए ताकि बच्चों में हो रहे सुधार के आधार पर रिमिडयल टीचिंग और आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चत की जा सके।





■  मुख्य परिवर्तन निम्न हैं -


1. विद्यालय का समय -
A) 1 अप्रैल से 30 सितंबर - प्रातः 8 से दोपहर 2 बजे तक
मध्यावकाश/मिड डे मील समय - प्रातः 10.15 से 10.45 तक
B) 1 अक्टूबर से 31 मार्च - प्रातः 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक
मध्यावकाश/मिड डे मील समय - प्रातः 11.55 से 12.25 तक

नोट - शिक्षक विद्यालय शिक्षण प्रारंभ होने से 15 मिनट पहले एवं न्यूनतम 30 मिनट बाद तक विद्यालय में रहेंगे।


2. शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन अवकाश -
A) शीतकालीन अवकाश - 31 दिसंबर से 14 जनवरी
B) ग्रीष्मकालीन अवकाश - 20 मई से 15 जून
C) नए सत्र का आरंभ - 16 जून से

नोट - अवकाश तालिका से भिन्न कोई भी लोकल अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार जिलाधिकारी महोदय के अतिरिक्त अन्य किसी के पास नहीं होगा।


3. समय सारणी में प्रत्येक कालांश 40 मिनट का होगा एवं साल में न्यूनतम 240 शिक्षण दिवस होंगे।


4. अभिलेख रजिस्टरों/पंजिकाओं की संख्या 40 से कम करके 14 कर दी जाएंगी -
A - शिक्षक डायरी
B - उपस्थिति पंजिका
C - प्रवेश पंजिका
D - कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका
E - एमडीएम पंजिका
F - समेकित निःशुल्क सामग्री वितरण पंजिका
G - स्टॉक पंजिका
H - आय व्यय पंजिका
I - चेक इशू पंजिका (बजट वार)
J - बैठक पंजिका
K - निरीक्षण पंजिका
L - पत्र व्यवहार पंजिका
M - बाल गणना पंजिका
N - पुस्तकालय/खेलकूद पंजिका


5. कुछ ध्यान देने योग्य मुख्य बिंदु -

A) विद्यालय प्रत्येक दो सप्ताह में इंटरनल टेस्ट लिया करेंगे जिसके आधार पर उपचारात्मक शिक्षण किया जाएगा।

B) शिक्षक अपने अवकाश या अन्य किसी कार्य हेतु विद्यालय अवधि में विद्यालय नहीं छोड़ेंगे, किसी अवकाश या समस्या की स्थिति में मानव संपदा पोर्टल का प्रयोग करना सुनिश्चित किया जाएगा।

C) शिक्षक किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य, रैली, फेरी, बैंक आदि के कार्य को विद्यालय समय में नहीं कर सकेंगे।

D) विद्यालय मरम्मत, रंगाई पुताई का कार्य या तो अवकाश में कराया जाएगा अथवा विद्यालय समय के पश्चात।

E) किसी शिक्षक के निलंबन के एक माह के भीतर मामला निस्तारित होगा अन्यथा खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

F) किसी भी विभागीय कार्यालय द्वारा किसी शिक्षक को न तो सम्बद्ध किया जाएगा न ही किसी कार्य के लिये अध्यापक को विद्यालय समय में बुलाया जा सकेगा।

G) शिक्षकों के सभी प्रशिक्षण या तो ऑनलाइन आयोजित किये जायेंगे अथवा विद्यालय समय के पश्चात।

H) माह के चतुर्थ शनिवार को विद्यालय अवधि के पश्चात विकासखण्ड में प्रधानाध्यापकों की दो घंटे की मीटिंग आयोजित की जाएगी।
बेसिक शिक्षा : विद्यालय समय व शिक्षक दायित्वों के निर्वहन में परिवर्तन हेतु नया शासनादेश जारी, देखें बदलाव के मुख्य बिंदु। Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:09 AM Rating: 5

3 comments:

Anonymous said...

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को कोई भी अवकाश नहीं मिलता है। विद्यालय बन्द होने पर उन्हें सुरक्षा के लिए विद्यालय में रोक दिया जाता है। उसके बदले में न तो कोई अवकाश मिलता है और न कोई विकल्प।ऐसी परिस्थितियों में कर्मचारी अपने परिवार से दूर हो जाता है।
मेरा शासन और प्रशासन में बैठे लोगों से आग्रह है कि उक्त समस्या का समाधान करने की कृपा करें।

Anonymous said...

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को कोई भी अवकाश नहीं मिलता है। विद्यालय बन्द होने पर उन्हें सुरक्षा के लिए विद्यालय में रोक दिया जाता है। उसके बदले में न तो कोई अवकाश मिलता है और न कोई विकल्प।ऐसी परिस्थितियों में कर्मचारी अपने परिवार से दूर हो जाता है।
मेरा शासन और प्रशासन में बैठे लोगों से आग्रह है कि उक्त समस्या का समाधान करने की कृपा करें।

Unknown said...

समझ में नहीं आ रहा है कि स्कूलों को भेजी किताबों को स्कूलों तक पहुंचाने का व्यय सरकार देती होगी या नहीं. बीएएसए लोग स्कूलों तक किताबें क्यों नहीं पहुंचाते होंगे?

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