वर्ष 2025-26 में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की छात्राओं हेतु भोजन सामग्री, शिक्षण सामग्री, दैनिक उपभोग एवं अन्य सामग्रियों की आपूर्ति के सम्बन्ध में
कस्तूरबा विद्यालयों में टेंडर से ही लेनी होगी भोजन-शिक्षण सामग्री, अब नहीं चलेगा घालमेल, पांच सदस्यीय कमेटी करेगी सामग्री की गुणवत्ता का सत्यापन
खरीदी गई सामग्री के सैंपल भी विद्यालय में रखना होगा सुरक्षित
लखनऊ। प्रदेश के कुल 746 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में छात्राओं को भोजन व शिक्षण सामग्री देने में अब मनमानी नहीं चलेगी। इसके लिए टेंडर करना अनिवार्य होगा। वहीं, हर जरूरी सामग्री का सैंपल भी सुरक्षित रखना होगा ताकि कभी भी जांच कराई जा सके। विभाग ने आगामी शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए अभी से टेंडर की औपचारिकता पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
कस्तूरबा विद्यालय को प्रति छात्रा 60 रुपये की दर से भोजन के लिए बजट दिया जाता है। शासन ने निर्देश दिया है कि छात्राओं के लिए प्रयोग होनी खाद्य और शिक्षण सामग्री न्यूनतम स्थानीय दर पर खरीदी जाए। इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत टेंडर की जाए। वहीं, फर्म द्वारा की गई आपूर्ति की सामग्री का सैंपल भी विद्यालय में सुरक्षित रखा जाए।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बीएसए व वित्त एवं लेखाधिकारी को निर्देश दिया है कि फर्म द्वारा आपूर्ति की गई सामग्री का पांच सदस्यीय कमेटी द्वारा गुणवत्ता सत्यापन के बाद ही भुगतान किया जाए। गुणवत्ता सही न होने पर फर्म की धरोहर राशि जब्त करके काली सूची में डाल दिया जाए। टेंडर का विज्ञापन निकालकर खाद्यान्न, दैनिक सामग्री और स्टेशनरी खरीदने के लिए इसकी प्रक्रिया 28 फरवरी तक पूरी की जाय।
बता दें कि पूर्व में यह देखने में आया है कि स्थानीय स्तर पर टेंडर न करके पहले से सामग्री आपूर्ति कर रही फर्म को ही दोबारा काम दे दिया जाता है। वहीं, इसमें घालमेल और मिलीभगत की भी शिकायत मिलती रही है। इसके मद्देनजर विभाग ने अभी से नए सत्र की तैयारी समय से पूरा करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।
वर्ष 2025-26 में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की छात्राओं हेतु भोजन सामग्री, शिक्षण सामग्री, दैनिक उपभोग एवं अन्य सामग्रियों की आपूर्ति के सम्बन्ध में
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