पंचायतीराज विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख किया स्पष्ट, परिषदीय स्कूलों के परिसर और शौचालयों की सफाई सफाईकर्मियों की जिम्मेदारी लेकिन प्रधानाध्यापक नहीं करेंगे उपस्थिति प्रमाणित, देखें पत्र
पंचायतीराज विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख किया स्पष्ट, परिषदीय स्कूलों के परिसर और शौचालयों की सफाई सफाईकर्मियों की जिम्मेदारी लेकिन प्रधानाध्यापक नहीं करेंगे उपस्थिति प्रमाणित, देखें पत्र
लखनऊ । पंचायती राज निदेशालय द्वारा जारी पत्र में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के मासिक पेरोल पर हस्ताक्षर को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। पत्र के अनुसार, सफाई कर्मचारियों के पेरोल पर प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर आवश्यक नहीं माने गए हैं, क्योंकि इससे वेतन प्रक्रिया में देरी और व्यवहारिक समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं। यह निर्णय स्कूल परिसर और शौचालय की सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।
पंचायती राज विभाग के तहत सफाई कर्मचारियों का काम स्कूल परिसरों और शौचालयों की सफाई सुनिश्चित करना है। शासनादेश संख्या 1672/33-1-2009 और संशोधित आदेश 3176/33-1/2010 के अनुसार, सफाई कर्मचारियों को स्कूल परिसर की सफाई का दायित्व सौंपा गया था। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में बने शौचालयों का रखरखाव भी इन्हीं कर्मचारियों की जिम्मेदारी है।
2015 में रायबरेली जिलाधिकारी के आदेश के तहत सफाई कर्मचारियों के पेरोल पर संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक या इंचार्ज प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर अनिवार्य किए गए थे। लेकिन 2016 में यह आदेश व्यवहारिक कठिनाइयों के कारण निरस्त कर दिया गया। वर्तमान पत्र इसी नीति को पुनः स्पष्ट करता है कि मासिक पेरोल स्वीकृति में प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
ग्रामीण स्कूलों में शौचालय और परिसर की सफाई न होना पहले से ही गंभीर चिंता का विषय है। स्कूल परिसर में गंदगी से छात्रों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और शिक्षण वातावरण प्रभावित होता है। पंचायत विभाग के सफाई कर्मियों की उपस्थिति प्रमाणित करने के लिए ग्राम प्रधान तो जिम्मेदार हैं, लेकिन स्कूल स्तर पर प्रधानाध्यापक की भूमिका नजरअंदाज करना प्रासंगिक समस्याओं को हल नहीं करता।
शासन द्वारा जारी पत्र में सफाई कर्मचारियों की पेरोल प्रक्रिया को सरल बनाने की मंशा भले ही अच्छी हो, लेकिन इसे स्कूल की सफाई व्यवस्था और छात्रों के स्वास्थ्य से समझौता किए बिना लागू किया जाना चाहिए।
पंचायतीराज विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख किया स्पष्ट, परिषदीय स्कूलों के परिसर और शौचालयों की सफाई सफाईकर्मियों की जिम्मेदारी लेकिन प्रधानाध्यापक नहीं करेंगे उपस्थिति प्रमाणित, देखें पत्र
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
7:07 AM
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