शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक/मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न सम्बन्धी घटनाओं की रोकथाम हेतु शासनादेश में प्रदत्त दिशा -निर्देशों पर कार्यवाही विषयक

बच्चों पर शोषण को लेकर यूपी सरकार सख्त, स्कूलों को लेकर जारी गाइडलाइंस का सख्ती से होगा पालन 


बच्चों पर शोषण को लेकर योगी सरकार सख्त, स्कूलों को लेकर जारी की गाइडलाइंस उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए तय गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं।

यूपी के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के शारीरिक और मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न को लेकर यूपी सरकार ने सख्ती दिखाई है। योगी सरकार ने इस संबंध में सभी स्कूलों को लेकर गाइडलाइंस जारी की है। साथ ही इसे सख्ती से पालन कराने के भी निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के खिलाफ होने वाली घटनाओं के संबंध में 2015 में एक विस्तृत गाइडलाइंस तैयार की गई थी। अब योगी सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों से इस गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने को कहा है।

राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका वद्यिालयों में गाइडलाइंस का पालन किया जाए। साथ ही सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, स्टाफ, वार्डेन एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी इन गाइडलाइंस का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। गाइडलाइंस जारी करने का उद्देश्य प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा संरक्षित करने तथा बाल अपराध एवं असंवैधानिक कृतियों की रोकथाम और स्कूल जाने वाले बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न से रक्षा करना है।

साथ ही इसमें शैक्षणिक संस्थानों का उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया गया है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय प्रबंधतंत्र/स्कूल मैनेजमेंट कमेटी एवं प्रधानाचार्यो का यह दायित्व है कि विद्यालय परिसर में या विद्यालय आते-जाते अथवा विद्यालय से बाहर फील्ड विजिट में इस प्रकार का वातावरण तैयार करें जो बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करे और छात्र/छात्राओं का किसी प्रकार का शारीरिक/मानसिक एवं यौन शोषण न हो। इसमें विद्यालय प्रांगण को सुरक्षित बनाने के लिए भी कई तरह के उपाय बताए गए हैं। इसमें स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम के साथ ही ड्राइवर व हेल्पर के वेरिफिकेशन की अनिवार्यता रखी गई है। 

साथ ही बस के अंदर चाइल्ड हेल्पलाइन और वूमेन हेल्पलाइन नंबर तथा पुलिस स्टेशन का नंबर लिखा होना चाहिए। प्रत्येक बस में दो टीचर की इस प्रकार व्यवस्था होनी चाहिए जो बच्चों के साथ स्कूल में बस से आवागमन करेंगे। इसके अलावा शिक्षक एवं शक्षिणेत्तर कर्मचारियों का व्यवहार संतुलित हो, इस संबंध में भी व्याख्या की गई है। बच्चों में परस्पर समन्वय एवं जागरूकता के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश हैं, जबकि विभिन्न संस्थाओं की मदद लेने और अन्य उपायों की जानकारी दी गई है।


स्कूल बसों में लगे जीपीएस, हेल्पलाइन नंबर भी लिखें, स्कूली बच्चों का शोषण रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण, यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए निर्धारित दिशा-निर्देश का सख्ती से पालन करने को कहा है। नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत के साथ ही सभी स्कूलों को इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। 

इसमें कहा गया है कि स्कूली बसों में जीपीएस के साथ ही ड्राइवर व सहयोगी का सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाए। बस के अंदर चाइल्ड हेल्पलाइन और वूमेन हेल्पलाइन नंबर तथा पुलिस स्टेशन का नंबर लिखा होना चाहिए। प्रत्येक बस में दो शिक्षक की व्यवस्था की जाए जो बच्चों के साथ स्कूल में बस से आवागमन करें। 

यह भी निर्देश दिया गया है कि शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का व्यवहार संतुलित हो । राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने सभी बीएसए को पत्र भेजकर इस संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बच्चों में परस्पर समन्वय व जागरूकता के लिए अभियान चलाने के निर्देश हैं। 


स्कूलों में बच्चों के शोषण पर जिम्मेदारी तय, 2015 में तैयार विस्तृत गाइडलाइंस को सख्ती से लागू करने के निर्देश 

लखनऊ : स्कूलों में बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक शोषण की शिकायतों को सरकार ने गम्भीरता से लिया है। वर्ष 2015 में इस मामले में एक विस्तृत गाइडलाइंस तैयार की थी। हाल के दिनों में बढ़ती शिकायतों के बाद सरकार ने गाइड लाइन को सख्ती से लागू करने के निर्देश जारी किए हैं।

 राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जाए। साथ ही सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, स्टाफ, वार्डेन एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी इन गाइडलाइंस का कड़ाई से अनुपालन करने को कहा गया है।

गाइडलाइंस में कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय प्रबंधतंत्र/स्कूल मैनेजमेंट कमेटी एवं प्रधानाचार्यो का यह दायित्व है कि विद्यालय परिसर में या विद्यालय आते-जाते अथवा विद्यालय से बाहर फील्ड विजिट में इस प्रकार का वातावरण तैयार करें जो बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करे और छात्र/छात्राओं का किसी प्रकार का शारीरिक/मानसिक एवं यौन शोषण न हो। 

स्कूल बसों में जीपीआरएस सिस्टम के साथ ही ड्राइवर व हेल्पर के वेरिफिकेशन की अनिवार्यता रखी गई है। साथ ही बस के अंदर चाइल्ड हेल्पलाइन और वूमेन हेल्पलाइन नंबर तथा पुलिस स्टेशन का नंबर लिखा होना चाहिए। प्रत्येक बस में दो टीचर की इस प्रकार व्यवस्था होनी चाहिए जो बच्चों के साथ स्कूल में बस से आवागमन करेंगे।


शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक/मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न सम्बन्धी घटनाओं की रोकथाम हेतु शासनादेश में प्रदत्त दिशा -निर्देशों पर कार्यवाही विषयक 


शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक/मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न सम्बन्धी घटनाओं की रोकथाम हेतु शासनादेश में प्रदत्त दिशा -निर्देशों पर कार्यवाही विषयक Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:49 AM Rating: 5

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