शिक्षक भर्ती को लेकर ऊहापोह
- सरकार पुनरीक्षण याचिका दाखिल करे या भर्ती शुरू करे अभी तय नहीं
- शैक्षिक गुणांक के आधार पर होने वाली अन्य भर्तियों की प्रक्रिया भी अटकी
लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती तीन महीने
में पूरा करने के सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर अमल के बारे में सरकार
अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पायी है। इस मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट
के अंतरिम आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दाखिल
करेगी या शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी, यह फैसला
मुख्यमंत्री को करना है।
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में शिक्षकों की भर्ती हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर करने को कहा है। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ ही सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने न्याय विभाग से सलाह मशविरा किया था। बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के मुताबिक टीईटी की मेरिट के आधार पर भर्ती करती है तो उसकी विशेष अपील अपने आप निष्फल साबित हो जाएगी।
दूसरा पेच यह है कि सरकार शैक्षिक गुणांक के आधार पर लगभग दस हजार शिक्षकों की भर्ती कर चुकी है। इसके अलावा उर्दू शिक्षकों के लगभग तीन हजार पदों पर भी शैक्षिक गुणांक के आधार पर मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों की भर्ती की गई है।
शैक्षिक गुणांक के आधार पर ही जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान के 29334 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी अटकी हुई है। हाई कोर्ट ने शैक्षिक गुणांक के आधार पर शिक्षकों की भर्ती करने से संबंधित अध्यापक सेवा नियमावली की धारा 14(3) को निरस्त कर दिया है। अब यदि सरकार टीईटी की मेरिट के आधार पर शिक्षकों की भर्ती करती है तो उसे नियमावली में संशोधन करना होगा। सरकार के लिए सबसे बड़ा पेच तो यह है कि यदि वह टीईटी की मेरिट पर शिक्षकों की भर्ती करती है तो शैक्षिक गुणांक के आधार पर की गई भर्तियों का क्या होगा। हालांकि एहतियाती तौर पर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद से 2011 में शिक्षक भर्ती के लिए जारी हुए विज्ञापन के क्रम में हुए आवेदनों से संबंधित ब्योरा मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में शिक्षकों की भर्ती हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर करने को कहा है। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ ही सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने न्याय विभाग से सलाह मशविरा किया था। बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के मुताबिक टीईटी की मेरिट के आधार पर भर्ती करती है तो उसकी विशेष अपील अपने आप निष्फल साबित हो जाएगी।
दूसरा पेच यह है कि सरकार शैक्षिक गुणांक के आधार पर लगभग दस हजार शिक्षकों की भर्ती कर चुकी है। इसके अलावा उर्दू शिक्षकों के लगभग तीन हजार पदों पर भी शैक्षिक गुणांक के आधार पर मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों की भर्ती की गई है।
शैक्षिक गुणांक के आधार पर ही जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान के 29334 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी अटकी हुई है। हाई कोर्ट ने शैक्षिक गुणांक के आधार पर शिक्षकों की भर्ती करने से संबंधित अध्यापक सेवा नियमावली की धारा 14(3) को निरस्त कर दिया है। अब यदि सरकार टीईटी की मेरिट के आधार पर शिक्षकों की भर्ती करती है तो उसे नियमावली में संशोधन करना होगा। सरकार के लिए सबसे बड़ा पेच तो यह है कि यदि वह टीईटी की मेरिट पर शिक्षकों की भर्ती करती है तो शैक्षिक गुणांक के आधार पर की गई भर्तियों का क्या होगा। हालांकि एहतियाती तौर पर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद से 2011 में शिक्षक भर्ती के लिए जारी हुए विज्ञापन के क्रम में हुए आवेदनों से संबंधित ब्योरा मांगा है।
खबर साभार : दैनिक जागरण
शिक्षक भर्ती को लेकर ऊहापोह
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
3:33 PM
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3 comments:
sarkar kya karegi....... pata n magar itna pata h ki sarkar me buddhu jyada h buddhiman kam ......
itihas gawag hi. jis sarkar ne janmat ki ichha ke anusar kaam nahi kiya he, us sarkar ka astitva samapt ho gaya hi.
advise to sarkar" respect public opinion".
thought of the day
"teacher bherti karo or laaj bachao, courtbaji me waqut mat gawao."
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