बच्चों की मुफ्त किताबों पर संकट : प्रकाशकों ने पिछले साल की छपाई का मांगा भुगतान, अफसरों की लापरवाही से रुकी है राशि
- बच्चों की मुफ्त किताबों पर संकट
- प्रकाशकों ने पिछले साल की छपाई का मांगा भुगतान
- अफसरों की लापरवाही से रुकी है राशि
लखनऊ
(ब्यूरो)। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को बांटी जाने वाली मुफ्त किताबों
की छपाई पर संकट खड़ा हो सकता है। प्रकाशकों ने सर्व शिक्षा अभियान के
राज्य परियोजना निदेशालय से दो टूक कहा है कि विगत वर्ष छपाई का पूरा पैसा
नहीं मिला है। इसलिए भुगतान किया जाए। प्रकाशकों की मांगों पर यदि राज्य
परियोजना निदेशालय न चेता तो इस वर्ष किताबों की छपाई पर संकट खड़ा हो सकता
है।
किताबों की छपाई के लिए बेसिक शिक्षा
विभाग हर साल टेंडर प्रकाशित कराता है। इसमें पात्र मिलने वालों से विभाग
अनुबंध करते हुए किताबें छपवाता है। इसके बाद निर्धारित समय में आपूर्ति के
साथ भुगतान की व्यवस्था है। इसके बाद भी अधिकारियों की लापरवाही से भुगतान
नहीं हो पाता। विगत वर्ष किताबों की छपाई जून में कराते हुए सप्लाई कराई
गई। इसके आधार पर प्रकाशकों को भुगतान होना चाहिए था। लेकिन विगत दिनों
परियोजना निदेशालय में प्रकाशकों ने ज्ञापन देते हुए कहा है कि 50 फीसदी
भुगतान अभी रुका है। प्रकाशकों ने यह भी कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी
बताते हैं कि सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय से पूरा पैसा
नहीं मिला है। प्रकाशकों के भुगतान की यह स्थिति तब है जब वर्ष 2015 के लिए
किताबों की छपाई का ठेका दिया जाना है।
खबर साभार : अमर उजाला
बच्चों की मुफ्त किताबों पर संकट : प्रकाशकों ने पिछले साल की छपाई का मांगा भुगतान, अफसरों की लापरवाही से रुकी है राशि
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:10 AM
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