कैट के फैसले से यूपी को इससे कोई खास फायदा नहीं : यूपी में न तो प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की कमी है और न ही टीईटी पास अभ्यर्थियों की

केन्द्रीय प्रशासनिक पंचाट (कैट) के ताजा फैसले से भले ही अन्य प्रदेशों को लाभ हो लेकिन यूपी को इससे कोई खास फायदा नहीं होने वाला। यूपी में न तो प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की कमी है और न ही टीईटी पास अभ्यर्थियों की। प्रदेश में अब भी 2 लाख से ज्यादा टीईटी पास अभ्यर्थी हैं।

कैट ने फैसला किया है कि अब शिक्षक बनने के लिए केन्द्र या राज्य की अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करना जरूरी नहीं है। यूपी में टीईटी पास हैं 2 लाख से ज्यादा: यूपी में ठीक इससे उलट सिथति है। यहां हर वर्ष एक लाख से ज्यादा बीएड डिग्री निकलते हैं। वहीं 30-35 हजार बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी। इसके बावजूद शिक्षकों की कमी से यूपी भी जूझ रहा है।

2011 में पौने तीन लाख अभ्यर्थियों ने टीईटी पास किया। वहीं, इसके बाद हुई दो टीईटी में 50 हजार से ज्यादा पास हो चुके हैं। नहीं हो पाईं भर्तियां: हालांकि यूपी ने शिक्षकों की कमी से उबरने के लिए 2011 में ही 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती से शिक्षक भर्ती की शुरुआत की लेकिन अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भर्ती हो रही है। यही हाल 29,334 जूनियर शिक्षक भर्ती का भी हुआ। इस भर्ती में अब भी हाईकोर्ट ने अंतिम चयन पर रोक लगा रखी है। वहीं, 58 हजार शिक्षामित्र सहायक अध्यापक बन चुके हैं और 90 हजार का समायोजन अभी होना है।
खबर साभार :  हिन्दुस्तान

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कैट के फैसले से यूपी को इससे कोई खास फायदा नहीं : यूपी में न तो प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की कमी है और न ही टीईटी पास अभ्यर्थियों की Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 9:10 AM Rating: 5

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