निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगेगी : जिला स्तर पर जांच कराकर की जाएगी उचित कार्रवाई
लखनऊ : विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल में निजी क्षेत्र के
स्कूल-कॉलेजों द्वारा मनमाना शुल्क वसूलने का मुद्दा गर्माया तो सरकार ने
लगाम लगाने का आश्वासन दिया।
भाजपा के लोकेंद्र सिंह, रविंद्र भड़ाना व अरुण कुमार के प्रश्नों के उत्तर में बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने स्वीकार किया कि प्राइवेट क्षेत्र के स्कूल-कॉलेजों द्वारा मनमानी फीस वसूली जा रही है। उन्होंने कहा कि केवल प्राइमरी ही नहीं वरन उच्च व व्यावसायिक शिक्षा देने वाले संस्थानों की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। जिला स्तर पर इस प्रकार की शिकायतों की जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी, इस बाबत सर्वे कराया जा रहा है।
निजी स्कूलों में 180 गरीब बच्चों का दाखिला : भाजपा के सुरेश खन्ना व रालोद के दलवीर सिंह के सवाल का जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि कक्षा पांच से आठ तक के निजी स्कूलों में दुर्बल आय वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश देने के लिए 25 प्रतिशत सीटों का कोटा निर्धारित है। इस बार लाभांवित बच्चों की संख्या 108 है। इन बच्चों का व्यय भार सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस पर सुरेश खन्ना का कहना था कि दाखिला लेने को अनेक औपचारिकताएं पूरी करने में अभिभावकों को काफी परेशानी होती है। बेसिक शिक्षा अधिकारी भी प्रमाणपत्र देने में काफी आनाकानी करते हैं। इस आशय का शासनादेश निरस्त हो ताकि गरीबों को बेहतर शिक्षा लेने का मौका मिल सके। बेसिक शिक्षा मंत्री ने साफ इंकार करते हुए कहा कि ऐसे सरकारी स्कूलों की जरूरत नहीं रह जाएगी।
भाजपा के लोकेंद्र सिंह, रविंद्र भड़ाना व अरुण कुमार के प्रश्नों के उत्तर में बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने स्वीकार किया कि प्राइवेट क्षेत्र के स्कूल-कॉलेजों द्वारा मनमानी फीस वसूली जा रही है। उन्होंने कहा कि केवल प्राइमरी ही नहीं वरन उच्च व व्यावसायिक शिक्षा देने वाले संस्थानों की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। जिला स्तर पर इस प्रकार की शिकायतों की जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी, इस बाबत सर्वे कराया जा रहा है।
निजी स्कूलों में 180 गरीब बच्चों का दाखिला : भाजपा के सुरेश खन्ना व रालोद के दलवीर सिंह के सवाल का जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि कक्षा पांच से आठ तक के निजी स्कूलों में दुर्बल आय वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश देने के लिए 25 प्रतिशत सीटों का कोटा निर्धारित है। इस बार लाभांवित बच्चों की संख्या 108 है। इन बच्चों का व्यय भार सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस पर सुरेश खन्ना का कहना था कि दाखिला लेने को अनेक औपचारिकताएं पूरी करने में अभिभावकों को काफी परेशानी होती है। बेसिक शिक्षा अधिकारी भी प्रमाणपत्र देने में काफी आनाकानी करते हैं। इस आशय का शासनादेश निरस्त हो ताकि गरीबों को बेहतर शिक्षा लेने का मौका मिल सके। बेसिक शिक्षा मंत्री ने साफ इंकार करते हुए कहा कि ऐसे सरकारी स्कूलों की जरूरत नहीं रह जाएगी।
निजी स्कूलों को भूल जाएंगे : बेसिक शिक्षा मंत्री का कहना था कि सब उनका साथ दें तो लोग निजी क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना बंद कर देंगे क्योंकि उन स्कूलों में अपेक्षाकृत कम योग्यता वाला स्टाफ होता है। विधायक, सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर ग्राम पंचायत सदस्य तक सरकारी स्कूलों को सुधारने की मुहिम से जुड़ें तो जनता का भला होगा। सरकारी स्कूलों को घटिया और स्तरहीन बताने वाले पूंजीवादी व्यवस्था को बढ़ावा दे रहे है। इस पर सुरेश खन्ना, राधामोहन दास व श्यामदेव राय चौधरी ने एतराज दर्ज कराया।
निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगेगी : जिला स्तर पर जांच कराकर की जाएगी उचित कार्रवाई
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:57 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment