पत्राचार बीएड करने वालों को विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग दो से : एससीईआरटी निदेशक ने शासन को लिखा पत्र
आठ साल के लंबे संघर्ष के बाद मिलेगा प्रशिक्षण का मौकालखनऊ : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) और राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन मुक्त विश्वविद्यालय इलाहाबाद से पत्रचार के जरिये बीएड करने वाले लगभग पांच हजार अभ्यर्थियों को आठ साल के लंबे संघर्ष के बाद विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण मिलेगा। इन अभ्यर्थियों को दो मार्च से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में छह माह का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने पत्र लिखकर इस बारे में शासन को सूचित कर दिया है।
वर्ष 2007 व 2008 में 88 हजार बीएड डिग्रीधारकों को छह माह का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक नियुक्त किया गया था। उस समय राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय और इग्नू से पत्रचार के जरिये बीएड करने वाले लगभग पांच हजार अभ्यर्थियों के आवेदनों को इस आधार पर अस्वीकार कर दिया गया था कि पत्रचार के जरिये बीएड मान्य नहीं है। इसके खिलाफ ज्ञानेंद्र शर्मा नामक अभ्यर्थी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने पत्रचार से बीएड करने वाले अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया। यह भी कहा कि इन अभ्यर्थियों को विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण देने के लिए डायट में सीटें आरक्षित की जाएं।
हाई कोर्ट के फैसले को राज्य सरकार ने विशेष अनुमति याचिका के जरिये सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर 2014 को विशेष अनुमति याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट के आदेश को सही ठहराया। इसके बाद भी राज्य सरकार इन अभ्यर्थियों को विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिलाने के बारे में हीला-हवाली करती रही। इस पर अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की। तब जाकर सरकार ने उन्हें विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिलाने का निर्णय लिया।
शासन ने निदेशक एससीईआरटी से पूछा कि इन अभ्यर्थियों को डायट में कब से विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पर एससीईआरटी निदेशक ने शासन को पत्र भेजकर दो मार्च से ट्रेनिंग शुरू कराने की जानकारी दी है।
पत्राचार बीएड करने वालों को विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग दो से : एससीईआरटी निदेशक ने शासन को लिखा पत्र
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
5:54 AM
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