शिक्षक भर्ती में अब टीईटी जरूरी नहीं : कैट ने केंद्र को अनिवार्यता में छूट देने का दिया निर्देश
- एक याचिका पर फैसले में कहा, पात्रता परीक्षा की जगह अनुभव को दी जाए तवज्जो
- 1 फीसदी लोग ही पास कर पाते हैं सीटेट की परीक्षा
- 8 विकलांग छात्रों पर 01 शिक्षक का होना अनिवार्य
- 40 बच्चों पर स्कूलों मे 1 शिक्षक होने का है नियम
नई दिल्ली। प्रभात कुमारकेंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) और राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास किए बगैर भी आप शिक्षक बन सकते हैं। शिक्षकों की कमी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट (कैट) के न्यायिक सदस्य एके भारद्वाज की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को शिक्षकों की नियुक्ति में सीटीईटी और टीईटी की अनिवार्यता में छूट देने का निर्देश दिया है।
खुलेगी राह: कैट ने कहा है कि पात्रता परीक्षा की जगह अनुभव को तरजीह मिले। फैसले से लाखों युवाओं के लिए शिक्षक बनने का रास्ता साफ होगा। अधिकांश राज्यों में कड़े मानदंडों के कारण अभ्यर्थी ये परीक्षाएं पास नहीं कर पाते हैं।
कैसे मिलेगी छूट: टीईटी पास करने की अनिवार्यता में छूट देकर शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकारों को मानव संसाधन विकास मंत्रलय के पास प्रस्ताव भेजना होगा। मंत्रलय इस पर आरटीई कानून की धारा 23 के तहत छूट दे सकता है।
खुलेगी राह: कैट ने कहा है कि पात्रता परीक्षा की जगह अनुभव को तरजीह मिले। फैसले से लाखों युवाओं के लिए शिक्षक बनने का रास्ता साफ होगा। अधिकांश राज्यों में कड़े मानदंडों के कारण अभ्यर्थी ये परीक्षाएं पास नहीं कर पाते हैं।
कैसे मिलेगी छूट: टीईटी पास करने की अनिवार्यता में छूट देकर शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकारों को मानव संसाधन विकास मंत्रलय के पास प्रस्ताव भेजना होगा। मंत्रलय इस पर आरटीई कानून की धारा 23 के तहत छूट दे सकता है।
पूरा मामला है यह !
’ दिल्ली सरकार व नगर निगम के स्कूलों में नेत्रहीन, मूक, बधिर बच्चों के लिए 2,500 विशेष शिक्षकों के पद निकाले गए थे’ सीटीईटी प्रमाण पत्र नहीं होने से ठेके पर इन बच्चों को पढ़ा रहे विशेष शिक्षकों को सरकार ने नियमित भर्ती के लिए आवेदन करने से रोक दिया’ इसके बाद करीब 50 से अधिक आवेदकों ने सीटीईटी की अनिवार्यता में छूट देने के प्रावधान को समाप्त करने के केंद्र के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। अंतरिम आदेश के तहत सभी याचिकाकर्ताओं को आवेदन की अनुमति मिल गई थी
पंचाट के न्यायिक सदस्य एके भारद्वाज की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय द्वारा नवंबर, 2010 में जारी अधिसूचना रद्द करते हुए दिया है।पंचाट ने अंजू, सुषमा तिवारी, नीलम सहित दर्जनों लोगों की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल द्वारा दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया है। अग्रवाल ने याचिका में मंत्रलय द्वारा नवंबर, 2010 में जारी अधिसूचना को शिक्षा का अधिकार कानून की धारा-23 के खिलाफ बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी। अधिवक्ता अग्रवाल ने पीठ को बताया था कि दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों में छात्र और शिक्षकों के अनुपात में भारी कमी है। इसे शिक्षक पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता में छूट देकर ही पूरा किया जा सकता है।
शिक्षक भर्ती में अब टीईटी जरूरी नहीं : कैट ने केंद्र को अनिवार्यता में छूट देने का दिया निर्देश
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:48 AM
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