शिक्षा मित्रों के समायोजन के लिए अब दो विकल्पों पर विचार : शहरी क्षेत्र से लेकर दूसरे जिले तक में समायोजित करने का विकल्प आजमाने की है तैयारी
सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के
समायोजन का मामला फंस गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिले ऐसे हैं
जहां रिक्तियों से ज्यादा शिक्षक हो रहे हैं। वहीं लखनऊ भी ऐसा जिला है
जहां 387 शिक्षक ज्यादा तैनात है। ऐसे में दूसरे बैच के लगभग 91 हजार
शिक्षा मित्रों का समायोजन कैसे होगा, इस पर मंथन चल रहा है। बेसिक शिक्षा
विभाग के सचिव एचएल गुप्ता ने इन जिलों से प्रस्ताव मांगे हैं कि ऐसे जिलों
में शिक्षामित्रों का समायोजन कैसे और कहां किया जाएगा ?
वहीं परिषद के सचिव संजय सिन्हा से 9 मार्च तक समायोजन की समय सारिणी का प्रस्ताव भी मांगा है। दूसरे बैच में लगभग 91 हजार शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन होना है। शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में सामने आया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में रिक्तियों से ज्यादा शिक्षक हो गए हैं। मसलन 10 हजार शिक्षक भर्ती, 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक और शिक्षा मित्रों के पहले बैच के समायोजन के बाद मेरठ मंडल में 768 शिक्षक अतिरिक्त हो गए हैं। ऐसे में यदि दूसरे बैच के शिक्षा मित्रों का समायोजन किया जाता है तो इन जिलों में अतिरिक्त शिक्षक हो जाएंगे।
बैठक में इन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं कि वे बताएं कि अतिरिक्त हो रहे शिक्षामित्रों को कहां समायोजित करेंगे। शिक्षा मित्रों के पहले बैच में लगभग 58 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है। 22 जिलों में होंगे सरप्लस शिक्षक:यदि लगभग 91 हजार शिक्षा मित्रों का समायोजन जिलेवार उनकी संख्या के मुताबिक कर दिया जाए तो 22 जिले ऐसे हैं जहां सरप्लस शिक्षक हो जाएंगे। अभी लखनऊ व मेरठ मंडल के कुछ जिलों में सरप्लस शिक्षक हैं।दो विकल्पों पर हो सकता है विचार:ऐसे जिले जहां शिक्षकों की संख्या रिक्तियों से ज्यादा होगी वहां पर शिक्षा मित्रों की मेरिट बनाई जाएगी। ऊंची मेरिट वाले शिक्षा मित्रों को उन्हीं के जिलों में समायोजित किया जाएगा। जो मेरिट में नीचे होंगे उन्हें आसपास के जिलों में भेजा जा सकता है। बाद में मूल जिले में रिक्ति होने पर तैनाती दी जाएगी।
वहीं परिषद के सचिव संजय सिन्हा से 9 मार्च तक समायोजन की समय सारिणी का प्रस्ताव भी मांगा है। दूसरे बैच में लगभग 91 हजार शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन होना है। शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में सामने आया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में रिक्तियों से ज्यादा शिक्षक हो गए हैं। मसलन 10 हजार शिक्षक भर्ती, 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक और शिक्षा मित्रों के पहले बैच के समायोजन के बाद मेरठ मंडल में 768 शिक्षक अतिरिक्त हो गए हैं। ऐसे में यदि दूसरे बैच के शिक्षा मित्रों का समायोजन किया जाता है तो इन जिलों में अतिरिक्त शिक्षक हो जाएंगे।
बैठक में इन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं कि वे बताएं कि अतिरिक्त हो रहे शिक्षामित्रों को कहां समायोजित करेंगे। शिक्षा मित्रों के पहले बैच में लगभग 58 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है। 22 जिलों में होंगे सरप्लस शिक्षक:यदि लगभग 91 हजार शिक्षा मित्रों का समायोजन जिलेवार उनकी संख्या के मुताबिक कर दिया जाए तो 22 जिले ऐसे हैं जहां सरप्लस शिक्षक हो जाएंगे। अभी लखनऊ व मेरठ मंडल के कुछ जिलों में सरप्लस शिक्षक हैं।दो विकल्पों पर हो सकता है विचार:ऐसे जिले जहां शिक्षकों की संख्या रिक्तियों से ज्यादा होगी वहां पर शिक्षा मित्रों की मेरिट बनाई जाएगी। ऊंची मेरिट वाले शिक्षा मित्रों को उन्हीं के जिलों में समायोजित किया जाएगा। जो मेरिट में नीचे होंगे उन्हें आसपास के जिलों में भेजा जा सकता है। बाद में मूल जिले में रिक्ति होने पर तैनाती दी जाएगी।
खबर साभार : हिंदुस्तान |
- शिक्षा मित्रों के समायोजन के िलए अब दो विकल्पों पर विचार
- 22 जिले ऐसे हैं जहां शिक्षकों के कम पद हैं और शिक्षा मित्र अधिक
लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार दूसरे चरण में प्रशिक्षण पाने वाले 92,000 शिक्षा मित्रों के समायोजन के लिए दो विकल्पों पर विचार कर रही है। पहला ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के सभी पदों के भरने पर अधिक मेरिट वाले को शहरी क्षेत्रों में समायोजित कर दिया जाए। दूसरा इसके बाद भी अगर शिक्षा मित्र बचते हैं तो उनसे विकल्प लेकर दूसरे जिलों में समायोजित कर दिया जाए। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने इस आधार पर 10 दिन में मांगा है। वे शुक्रवार को दूसरे चरण के शिक्षा मित्रों को समायोजित करने को लेकर बुलाई गई बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि शिक्षा मित्रों को तीन चरणों में प्रशिक्षण देकर समायोजित किए जाने का कार्यक्रम है। पहले चरण में 58,826 शिक्षा मित्र समायोजित किए जा चुके हैं। दूसरे चरण में 64,000 को प्रशिक्षण देकर समायोजित किया जाना था, लेकिन तीसरे चरण वाले भी इसमें शामिल हो गए और यह संख्या 92,000 पहुंच गई। सचिव ने बताया कि 22 जिले ऐसे हैं जहां शिक्षकों के कम पद हैं और शिक्षा मित्र अधिक। इसलिए दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। पहला यह कि अधिक मेरिट वालों को शहरी क्षेत्र के स्कूलों में समायोजित कर दिया जाए व दूसरा इसके बाद भी यदि बचते हैं तो विकल्प लेकर उन्हें दूसरे जिलों में भेज दिया और जैसे ही उनके मूल तैनाती वाले जिले में पद रिक्त हो उन्हें स्थानांतरित कर दिया जाए। प्रस्ताव मिलने के बाद समायोजन संबंधी कार्यक्रम जारी होगा।
खबर साभार : अमर उजाला
सरप्लस शिक्षमित्रों का नगर क्षेत्र या दूसरे जिलों में समायोजन!
खबर साभार : दैनिक जागरण
सरप्लस शिक्षमित्रों का नगर क्षेत्र या दूसरे जिलों में समायोजन!
लखनऊ : दूरस्थ शिक्षा विधि से बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने
वाले दूसरे बैच के 92000 शिक्षामित्रों की बड़ी संख्या को देखते हुए शासन
उन्हें सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित करने के विकल्पों पर मंथन कर रहा
है। दूसरे बैच के शिक्षामित्रों को समायोजित करने पर 22 जिलों में
शिक्षकों के सृजित पदों से ज्यादा शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे। ऐसे में शासन
ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को दूसरे बैच के शिक्षामित्रों के समायोजन के
बारे में 10 दिनों में प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है। 1अखिलेश सरकार
ने दूसरे चरण में दूरस्थ शिक्षा के जरिये बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने वाले
64 हजार स्नातक शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित करने
का फैसला किया था। इस बीच कई इंटरमीडिएट उत्तीर्ण शिक्षामित्रों ने स्नातक
की डिग्री हासिल कर दूसरे बैच में बीटीसी ट्रेनिंग कर ली। इससे दूसरे बैच
में बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने वाले लगभग 92000 शिक्षामित्र हो गए हैं
जिनमें से तकरीबन 87000 बीटीसी ट्रेनिंग में उत्तीर्ण हो चुके हैं। बेसिक
शिक्षा विभाग का आकलन है कि इन 92000 शिक्षामित्रों को समायोजित करने पर 22
जिलों में शिक्षकों के सृजित पदों से ज्यादा शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे।
शुक्रवार को इस संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता की अध्यक्षता में
बैठक हुई। सचिव बेसिक शिक्षा ने बताया कि बैठक में नगरीय क्षेत्र के
शिक्षामित्रों को शहरी इलाकों के स्कूलों में समायोजित करने पर विचार हुआ।
इस पर भी मंथन हुआ कि प्रदेश के जिन 22 जिलों में शिक्षामित्रों का समायोजन
होने पर शिक्षकों के सृजित पदों से ज्यादा शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे, वहां
ऊंची मेरिट वाले ग्रामीण इलाके के शिक्षामित्रों को नगरीय क्षेत्रों में
समायोजित करने पर विचार किया जाए। यदि इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में
उपलब्ध पदों से ज्यादा शिक्षामित्र उपलब्ध हुए तो निचली मेरिट वाले सरप्लस
शिक्षामित्रों से रिक्त पदों वाले दूसरे जिलों में तैनाती के लिए विकल्प
मांगा जाए। बाद में यदि मूल जिले में पद रिक्त होते हैं तो ऐसे शिक्षामित्र
को उनके मूल जिले में वापस भेजा जा सकता है। हालांकि इस बारे में कोई
अंतिम निर्णय बेसिक शिक्षा परिषद से प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद ही लिया
जाएगा।
शिक्षा मित्रों के समायोजन के लिए अब दो विकल्पों पर विचार : शहरी क्षेत्र से लेकर दूसरे जिले तक में समायोजित करने का विकल्प आजमाने की है तैयारी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:39 AM
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