111 जिलों में मिड डे मील योजना लागू ना करने और 2.34 लाख स्कूलों में अभी तक रसोईघर ना बनाने पर संसदीय समिति ने जताई गहरी चिंता
- 111 जिलों में मिड डे मील योजना ठीक से लागू नहीं
- भोजन की पौष्टिकता बढ़ाने की भी सिफारिश
- भेदभाव तथा छूआछूत की घटना के लिए जिम्मेदारी तय करने की बात
- नवीं एवं दसवीं कक्षा के छात्रों को भी मिड डे मील योजना में शामिल जारने की सिफ़ारिश
- योजना की निगरानी में अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के प्रतिनिधियों को शामिल किए जाने की सिफारिश
नई दिल्ली। संसद की समिति ने देश के 111 जिलों में मिड डे मील योजना कारगर ढंग से न लागू होने तथा 2.34 लाख स्कूलों में अभी तक उसके लिए कोई रसोई घर न बनाए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। समिति ने मिड डे मील योजना को लागू करते समय दलित बच्चों के साथ किसी तरह के भेदभाव तथा छूआछूत की घटना के लिए जिम्मेदारी तय करने की बात कही है। साथ ही नवीं एवं दसवीं कक्षा के छात्रों को भी मिड डे मील योजना में शामिल किए जाने एवं भोजन की पौष्टिकता बढ़ाने की भी सिफारिश की है।
भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने मिड डे मील योजना में छूआछूत के आरोप की जांच पर अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। समिति ने मिड डे मील योजना की निगरानी में अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किए जाने की सिफारिश की है।
भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने मिड डे मील योजना में छूआछूत के आरोप की जांच पर अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। समिति ने मिड डे मील योजना की निगरानी में अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किए जाने की सिफारिश की है।
- पिछले छह वर्ष में मिड डे मील योजना पर 17 प्रतिशत बजट राशि खर्च ही नहीं की गई है।
- यह योजना 111 जिलों में कारगर ढंग से लागू नहीं हो पाई है।
- इसका फायदा अभी भी 30 प्रतिशत छात्र नहीं उठा पा रहे हैं।
- समिति को अपने दौर में स्कूलों में छूआछूत की घटनाएं देखने को नहीं मिली हैं।
- छूआछूत की घटना चिंताजनक है और संबद्ध व्यक्तियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए : समिति
- मिड डे मील योजना में कारपोरेट सामाजिक दायित्व शामिल किया जाए।
- समिति ने 76 स्कूलों का दौरा किया था।
- वर्ष 2006-07 से 2013-14 तक 10 लाख 713 स्कूलों में रसोईघर स्टोर बनाए जाने को मंजूरी दी गई है।
- 22 प्रतिशत स्कूलों में एक भी रसोईघर नहीं बन पाया है। इनमें आंध्र प्रदेश, केरल, मणिपुर, महाराष्ट्र तथा तमिलनाडु प्रमुख हैं।
- अभी तक 6.40 लाख रसोईघर बनाए गए हैं तथा 1.07 लाख स्कूलों में रसोईघर बनाए जा रहे हैं।
111 जिलों में मिड डे मील योजना लागू ना करने और 2.34 लाख स्कूलों में अभी तक रसोईघर ना बनाने पर संसदीय समिति ने जताई गहरी चिंता
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
9:19 AM
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