बीटीसी के प्रशिक्षणार्थी सीखेंगे जूडो-कराटे : एससीईआरटी ने राज्य परियोजना निदेशालय को भेजा प्रस्ताव
लखनऊ। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) बीटीसी
प्रशिक्षणार्थियों को जूडो-कराटे में पारंगत बनाएगा। इसके पीछे मकसद है कि
बीटीसी करने वाली लड़कियां जब दूर-दूराज के ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती
पाएं तो अपनी रक्षा वे खुद कर सकें। एससीईआरटी ने इस संबंध में सर्व शिक्षा
अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय को प्रस्ताव भेजा है। वहां से मंजूरी
के बाद इसे अमली जामा पहनाया जाएगा। मौजूदा समय बेसिक शिक्षा के उच्च
प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में छात्राओं को आत्मरक्षा
के लिए जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एससीईआरटी चाहता है कि इसी
आधार पर डायटों में बीटीसी करने वालों खासकर छात्राओं को भी जूडो-कराटे का
प्रशिक्षण दिया जाए। पहले चरण में लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद,
कानपुर नगर, इटावा, मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, इलाहाबाद, झांसी, वाराणसी,
मिर्जापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, फैजाबाद, गोंडा और बांदा में प्रशिक्षण
देने का प्रस्ताव है। एससीईआरटी का मानना है कि बीटीसी प्रशिक्षण के बाद
शिक्षक बनने वाले खुद परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को
जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दे सकेंगे। इससे प्रशिक्षक नहीं बुलाने पड़ेंगे और
प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिदिन चलाया जा सकेगा।
खबर साभार : अमर उजाला
बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दिलाने की मंशा
शिक्षक ट्रेनिंग के साथ सीखेंगे जूडो-कराटे
बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दिलाने की मंशा
शिक्षक ट्रेनिंग के साथ सीखेंगे जूडो-कराटे
लखनऊ : राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी)
की मंशा परवान चढ़ी तो जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में
बीटीसी ट्रेनिंग के जरिये शिक्षक बनने का हुनर सीखने वाले प्रशिक्षणार्थी
जूडो-कराटे भी सीख सकेंगे। इरादा बीटीसी के प्रशिक्षणार्थियों को
जूडो-कराटे में भी पारंगत करना है ताकि भविष्य में शिक्षक बनने पर वे
स्कूली बच्चों को भी आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट की इन विधाओं का
प्रशिक्षण दे सकें।
बालिका शिक्षा नवाचार के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) और जूनियर हाईस्कूल की छात्रओं को जूडो-कराटे की ट्रेनिंग देने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक की ओर से सात जनवरी 2015 को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे। उसी आधार पर एससीईआरटी की ओर से डायट के बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों को जूडो-कराटे की ट्रेनिंग दिलाने का प्रस्ताव सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय को भेजा गया है। प्रस्ताव में पहले चरण में बीस जिलों के डायट के बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों को जूडो-कराटे की ट्रेनिंग देने की मंशा जतायी गई है। इनमें आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, कानपुर नगर, इटावा, मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, झांसी, वाराणसी, मीरजापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, फैजाबाद, गोंडा और बांदा के डायट शामिल हैं। इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय को एससीईआरटी की ओर से प्राप्त हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाएगी तो शिक्षक बनने पर वे खुद स्कूली बच्चों को जूडो-कराटे की ट्रेनिंग दे सकेंगे। बीटीसी प्रशिक्षण के दौरान भी प्रशिक्षणार्थी क्रियात्मक प्रशिक्षण के लिए चार बार विद्यालय में जाते हैं। वे वहां पर बच्चों को जूडो-कराटे में प्रशिक्षित कर सकते हैं। बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देने के लिए अलग से प्रशिक्षक रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह भी कहा गया है कि जूडो-कराटे के प्रशिक्षक का चयन केजीबीवी में मार्शल आर्ट प्रशिक्षक के चयन के लिए गठित जिला समिति करेगी।
खबर साभार : दैनिक जागरणबालिका शिक्षा नवाचार के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) और जूनियर हाईस्कूल की छात्रओं को जूडो-कराटे की ट्रेनिंग देने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक की ओर से सात जनवरी 2015 को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे। उसी आधार पर एससीईआरटी की ओर से डायट के बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों को जूडो-कराटे की ट्रेनिंग दिलाने का प्रस्ताव सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय को भेजा गया है। प्रस्ताव में पहले चरण में बीस जिलों के डायट के बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों को जूडो-कराटे की ट्रेनिंग देने की मंशा जतायी गई है। इनमें आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, कानपुर नगर, इटावा, मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, झांसी, वाराणसी, मीरजापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, फैजाबाद, गोंडा और बांदा के डायट शामिल हैं। इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय को एससीईआरटी की ओर से प्राप्त हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाएगी तो शिक्षक बनने पर वे खुद स्कूली बच्चों को जूडो-कराटे की ट्रेनिंग दे सकेंगे। बीटीसी प्रशिक्षण के दौरान भी प्रशिक्षणार्थी क्रियात्मक प्रशिक्षण के लिए चार बार विद्यालय में जाते हैं। वे वहां पर बच्चों को जूडो-कराटे में प्रशिक्षित कर सकते हैं। बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देने के लिए अलग से प्रशिक्षक रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह भी कहा गया है कि जूडो-कराटे के प्रशिक्षक का चयन केजीबीवी में मार्शल आर्ट प्रशिक्षक के चयन के लिए गठित जिला समिति करेगी।
बीटीसी के प्रशिक्षणार्थी सीखेंगे जूडो-कराटे : एससीईआरटी ने राज्य परियोजना निदेशालय को भेजा प्रस्ताव
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
5:47 AM
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