नए कलेवर में नजर आएंगी सरकारी स्कूलों की किताबें : 35 प्रकाशकों को मिली 10 करोड़ किताबें छापने की अनुमति
कक्षा 1 से 8 तक किताबें छपवाने की प्रक्रिया शुरू
लखनऊ (डीएनएन)। सरकारी स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली नि:शुल्क पाठ्य
पुस्तकों की छपाई की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है। इस बार फाइनेंशियल
बिड खुलने के बाद कक्षा एक से आठ तक की करीब 10 करोड़ किताबें छापने की
जिम्मेदारी 35 प्रकाशकों को दी गई है। अफसरों का कहना है कि जून के पहले
सप्ताह तक किताबें छपकर आने लगेंगी, जिससे एक जुलाई को बच्चों को किताबें
मिल जाएंगी। इस बार बच्चों को नि:शुल्क मिलने वाली किताबें नए कलेवर में
नजर आएंगी। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों, राजकीय,
अशासकीय सहायता प्राप्त एवं माध्यमिक विद्यालयों, समाज कल्याण विभाग द्वारा
संचालित राजकीय व एडेड स्कूल तथा मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बालकों तथा सभी वर्ग की बालिकाओं को
नि:शुल्क किताबें दिए जाने की व्यवस्था है। इस बार अफसरों ने एक अप्रैल को
बच्चों को नि:शुल्क किताबें देने का दावा किया था। लेकिन बीते 27 जनवरी को पाठ्य पुस्तकों के मुद्रण प्रकाशन के लिए नीति जारी
कर निविदा आमंत्रित करने के बाद 28 फरवरी को खुलने वावा टेंडर रद्द कर
दिया गया। बाद में 9 अप्रैल को टेक्निकल टेंडर खोला गया। उसके बाद पांच मई
को फाइनेंशियल बिड खोली गई जिसमें 35 प्रकाशकों ने किताबें छापने पर सहमति
जताई। इस बार की किताबें रिसायकल्ड इको फ्रेंडली पेपर पर छापी जाएंगी।
नए कलेवर में नजर आएंगी सरकारी स्कूलों की किताबें : 35 प्रकाशकों को मिली 10 करोड़ किताबें छापने की अनुमति
Reviewed by Brijesh Shrivastava
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8:26 AM
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